पांच साल में इंडोर वार्ड में नहीं बढ़ी बेडों की संख्या
विकासनगर अस्पताल को चार साल पूर्व उच्चीकृत कर उप जिला चिकित्सालय में तब्दील करने से यहां स्वास्थ्य सुविधाएं और संसाधन बढ़ने की उम्मीद जगी थी।

विकासनगर अस्पताल को पांच साल पहले उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत किया गया था, लेकिन आज तक अस्पताल में सुविधाएं और संसाधन को नहीं बढ़ाया गया है। जब अस्पताल उच्चीकृत हुआ था तब लोगों को उम्मीद थी कि अब अस्पताल में बेहतर उपचार मिलेगा। लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। अस्पताल के उच्चीकृत होने के बाद एक भी बेड नहीं बढ़ाया गया है। आज भी अस्पताल के इंडोर वार्ड में मात्र तीस बेड की ही सुविधा है। जबकि उप जिला चिकित्सालय के लिए पचास बेड स्वीकृत हुए हैं। बेडों की संख्या नहीं बढ़ाए जाने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। विकासनगर स्थित सरकारी अस्पताल पछुवादून और जौनसार बावर के साथ ही टिहरी के जौनपुर, थत्यूड़ ब्लॉक, उत्तरकाशी के नौगांव, पुरोला, मोरी ब्लॉक, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले और उत्तर प्रदेश की बेहट तहसील के सीमांत गांवों का सबसे बड़ा स्वास्थ्य केंद्र है। यहां हर दिन छह सौ से अधिक की ओपीडी संचालित होती है। अस्पताल पर मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए पांच साल पहले इस अस्पताल को उप जिला चिकित्सालय में तब्दील किया गया था, लेकिन उच्चीकृत होने बाद भी अस्पताल की दशा में कोई सुधार नहीं हुआ है। पैरा मेडिकल कर्मियों ने बताया कि भीषण गर्मी के मौसम में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। लेकिन बेड की कमी के कारण डायरिया के मरीजों को ग्लूकोज चढ़ाकर वापस भेजना पड़ता है। गंभीर मरीजों को हायर सेंटर के लिए रेफर करना भी मजबूरी बन गई है। बताया कि डायरिया जैसी बीमारी के उपचार के अस्पताल में सभी संसाधन मौजूद हैं, लेकिन जगह की कमी के कारण मरीजों को भर्ती करना मुश्किल हो जाता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।