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आसन झील में पहुंची प्रवासी परिंदों की पहली उड़ान, सुर्खाब ने डाला डेरा

आसन वेटलैंड में मंगलवार को सुर्खाब प्रजाति के परिंदों की पहली उड़ान पहुंची है। पक्षी प्रेमियों के चेहरों पर खुशी की लहर है। इन प्रवासी परिंदों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने गश्त शुरू की है। स्थानीय...

Newswrap हिन्दुस्तान, विकासनगरTue, 7 Oct 2025 09:02 PM
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आसन झील में पहुंची प्रवासी परिंदों की पहली उड़ान, सुर्खाब ने डाला डेरा

आसन वेटलैंड में मंगलवार को सुर्खाब प्रजाति के परिंदों की पहली उड़ान पहुंच गई है। हर बार सबसे पहले सुर्खाब ही उत्तराखंड के मेहमान बनते हैं। अपने सुनहरे पंखों के कारण सुर्खाब परिंदे सबसे ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। आसन वेटलैंड में अक्तूबर से मार्च तक विदेशी परिंदे प्रवास पर रहते हैं। चकराता वन प्रभाग ने आसन वेटलैंड में प्रवासी परिंदो के प्रवास को देखते हुए रात-दिन की गश्त भी शुरू करा दी है। ---- पक्षी प्रेमियों के ख‍िल उठे चेहरे आसन वेटलैंड में अक्तूबर के पहले सप्ताह में प्रवासी परिंदों का आगमन शुरू होता है। इन परिंदों का प्रवास अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक रहता है।

प्रवासी परिंदों के गुरुवार को आगमन से पक्षी प्रेमियों के चेहरे खिल गए हैं। पहले दिन छह रुडीशेलडक यानि सुर्खाब व 18 कामनकूट परिंदे आए हैं। चकराता वन प्रभाग के वन दारोगा प्रदीप सक्सेना ने प्रवासी परिंदों के आगमन की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रवासी परिंदों की सुरक्षा के लिए रात दिन की गश्त भी शुरू की जा रही है। वहीं, झील में बोटिंग भी शुरू हो गई है। ----- परिंदों की सुरक्षा में लगीं वन विभाग की टीमें आसन वेटलैंड में विदेशी पक्षियों की आमद से लेकर सुरक्षित रवानगी तक का जिम्मा वन विभाग ने उठाया है। इन नायाब परिंदों की सुरक्षा के लिए झील की निगरानी में चकराता वन प्रभाग के वन दरोगा प्रदीप सक्सेना तैनात हैं। उन्होंने बताया कि इन विदेशी पक्षियों की देख-रेख के लिए टीमें गठित की गई हैं, जो दिन-रात गश्त करेंगी। ---- स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार प्रवासी परिंदों के आसन झील में पहुंचने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलने लगता है। झील के आसपास ग्रामीण छोटी दुकानें लगाकर स्थानीय उत्पादों को बेचते हैं। इसके साथ ही इस बार चकराता वन प्रभाग ने बोक्सा जनजाति की 60 युवतियों को नेचर गाइड का प्रशिक्षण दिया है, जो पर्यटकों को स्थानीय जैव विविधता की जानकारी देने के साथ ही उन्हें पर्यटन स्थल की सैर भी कराएंगी। ---- जीएमवीएन की बढ़ेगी आय प्रवासी परिंदों की आमद गढ़वाल मंडल विकास निगम के लिए भी आय बढ़ाने का साधन साबित होती है। अक्टूबर से आसन झील में बोटिंग शुरू कर दी जाती है। लिहाजा, पक्षी प्रेमियों के साथ ही झील में बोटिंग करने के शौकीन पर्यटक बड़ी संख्या में यहां आने लगते हैं, जिससे जीएमवीएन की आमदनी बढ़ती है। ----- ये प्रजातियां आती हैं प्रवास पर आसन वेटलैंड में लिटिल ग्रेब, रुडी शेलडक यानि सुर्खाब, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रेट कारमोरेंट, लिटिल कारमोरेंट, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, वूली नेक्टड, रेड कैप्ट आइबीज, प्लास फिश ईगल, ग्रे लेग गूज, गैडवाल, इरोशियन विजन, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, इंडियन सैग, व्हाइट बिल्ड हेरोन, मीडियन इग्रेट, येलो बिटर्न, ब्लैक बिटर्न, पेंटेड स्ट्रोक, एशियन ओपन बिल, ब्लैक स्ट्रोक, कामन शेलडक, मलार्ड, नार्थन पिनटेल, कामन टील, स्पाट बिल डक, कामन पोचार्ड, टफ्ड पोचार्ड, यूरेशियन विजन, गैडवाल, नार्दन शावलर, कामन मोरहेन, कामन कूट, ब्लैक विंग्ड स्किल्ड, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाइज्ड किंगफिशर, रीवर लोपविंग, ब्लैक हेडेड गल, इरोशियन मार्क हेरियर, लिटिल ग्रेबी, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, कामन किंगफिशर आदि प्रजातियों के विदेशी परिंदे उत्तराखंड के मेहमान बनते हैं। ---- कब कितने आए परिंदे वर्ष - प्रजाति - परिंदों की संख्या 2015 - 48 - 5796 2016 - 84 - 5635 2017 - 60 - 4569 2018 - 61 - 6008 2019 - 69 - 6170 2020 - 50 - 4466 2021 - 55 - 4497 2022 - 49 - 5680 2023 - 42 - 4642 2024 - 141 -5247

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