महिलाओं को समझायें 1000 दिनों का महत्व: थपलियाल
सही पोषण देश रोशन अभियान के तहत चल रहे पोषण माह में शुक्रवार को आंगनबाड़ी केन्द्र पर जागरुकता गोष्ठियों का आयोजन हुआ। इनमें बाल विकास परियोजना अधिकारियों ने आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, कार्यकर्ताओं, एएनएम व...
सही पोषण देश रोशन अभियान के तहत चल रहे पोषण माह में शुक्रवार को आंगनबाड़ी केन्द्र पर जागरूकता गोष्ठियों का आयोजन हुआ। इनमें बाल विकास परियोजना अधिकारियों ने आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, कार्यकर्ताओं, एएनएम व आशाओं को 1000 दिनों का महत्व समझाते हुए गर्भवती महिलाओं को जागरूक करने की अपील की। शुक्रवार को बाल विकास परियोजना सहसपुर की टीम ने परियोजना अधिकारी सहसपुर देवेन्द्र थपलियाल के नेतृत्व में सहसपुर, रामपुर, छरबा, झाझरा, बनियावाला, पेलियो आदि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जागरुकता गोष्ठी आयोजित की। इनमें परियोजना अधिकारी देवेन्द्र थपलियाल ने एक हजार दिनों के महत्व पर कर्मचारियों को जानकारी दी। बताया कि सही पोषण के लिए गर्भावस्था के 270 दिनों तक यदि गर्भवती महिला अपने स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखें, संतुलित पोषक आहार लें, आयरन की गोलियों का नियमित सेवन करें ओर स्वच्छता पर ध्यान रखें, तो वो एक स्वस्थ बच्चों को जन्म दे सकती हैं। इसके बाद भी प्रथम घंटे में बच्चें को अपना दूध अवश्य पिलाया जाना चाहिए। साथ ही, 180 दिनों तक मात्र मां का ही दूध पिलाना चाहिए। इसके बाद भी अगले 550 दिनों तक बच्चें को सही पोषक आहार देने के साथ उनके टीकाकरण व स्वच्छता का पूरी तरह ध्यान रखा जाए। ताकि, बच्चे को किसी भी बीमारी से बचाते हुए स्वस्थ रखा जा सके। उन्होंने आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, कार्यकर्ताओं, एएनएम व आशाओं से अपने क्षेत्रांतर्ग आने वाली हर गर्भवती व धात्री महिला तक इसकी जानकारी पहुंचाने की अपील भी की। इस मौके पर सुपरवाइजर फूल देवी, इंद्रा शाह, परवीन, गीता, अनीता, कमलेश, मीनू, स्वदेश, सावित्री, संगीता, राजबाला, अमिता आदि मौजूद रही।