हनोल मास्टर प्लान में पीपल पार्क को शामिल किया जाए
चकराता वन प्रभाग के मोलटा रेंज में स्थित पीपल पार्क विभागीय उपेक्षा के कारण वीरान पड़ा है। हनोल के महासू देवता मंदिर समिति ने जिलाधिकारी से पार्क को मास्टर प्लान में शामिल करने की मांग की है। यह पार्क...

चकराता वन प्रभाग अन्तर्गत मोलटा रेंज के चातरा वीट में बना पीपल पार्क विभागीय उपेक्षा के कारण वीरान पड़ा हुआ है। मंदिर समिति हनोल ने पीपल पार्क को मास्टर प्लान में शामिल करने की मांग जिलाधिकारी से की गई है। जिलाधिकारी को भेजे ज्ञापन में महासू देवता मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि हनोल के समीप चातरा वीट कुपड़खड्ड के पास चकराता वन प्रभाग ने वर्ष 2013-14 में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पार्क निर्माण करवाया था। विभागीय अधिकारियों की सोच थी कि महासू देवता मंदिर हनोल आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को पार्क में टहलने, बैठने की सुविधाएं दी जाएंगी। जिससे धार्मिक पर्यटन के साथ ही नैसर्गिंक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। लेकिन दस साल बाद भी विभागीय अधिकारियों की सोच परवान नहीं चढ़ पाई। उपेक्षा के कारण पार्क में चारों ओर झाड़ियां उगी हुई हैं। बीती 23 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महासू देवता हनोल में रात्रि प्रवास के दौरान जिला अधिकारी और पर्यटन अधिकारी को हनोल मास्टर प्लान का विस्तार करने के निर्देश देते हुए कहा था कि आसपास जितना भी हो सके पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए। इसी क्रम में मंदिर समिति ने जिला अधिकारी को ज्ञापन भेजकर चकराता वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र कुपड़खड़ के पास पीपल पार्क को वृहद स्तर पर पर्यटन गतिविधियों के लिए विकसित करने की मांग की है। ज्ञापन प्रेषित करने वालो में मंदिर समिति के सचिव मोहनलाल सेमवाल, कोषाध्यक्ष आरएस रावत, सदस्य राजा राम शर्मा सीआर राजगुरुश् मदन चंद डोभाल, प्रह्लाद जोशी, राजेंद्र प्रसाद आदि शामिल रहे।
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