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किसान आंदोलन और ठंड से मंडी का कारोबार पड़ा मंदा

-किसान आंदोलन और कड़ाके की ठंड का पड़ रहा असर सर्व सेवा संगठन ने किया रक्तदान सर्व सेवा संगठन ने किया रक्तदान सर्व सेवा संगठन ने किया रक्तदान...

किसान आंदोलन और ठंड से मंडी का कारोबार पड़ा मंदा
हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारMon, 21 Dec 2020 11:50 PM
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किसान आंदोलन और कड़ाके की ठंड का असर कृषि उत्पादन मंडी समिति ज्वालापुर पर भी पड़ रहा है। बीते एक सप्ताह के अंदर केवल मंडी में 60 फीसदी ही कारोबार हो पाया है। मंडी में सब्जियों की पर्याप्त मात्रा में आवक हो रही है, लेकिन खरीदारी बेहद कम है।

रविवार को ज्वालापुर मंडी में आढ़तियों की दुकानों पर भीड़भाड़ कम रही। सब्जी, फल आदि सामान की खरीदारी बिल्कुल कम हुई। ऐसा पिछले करीब एक सप्ताह से चल आ रहा है। इसके पीछे किसानों के आंदोलन मुख्य कारण है। कड़ाके की ठंड के कारण भी कारोबार पर विपरीत असर पड़ रहा है। आढ़ती खुशनसीन अंसारी उर्फ मुन्ना, आफताब सैफी ने बताया कि मंडी में पिछले कई दिनों से कारोबार काफी कम हो रहा है। इन दिनों ग्राहकों की संख्या कम नहीं होती थी। लेकिन इस बार ग्राहक मंडी में नहीं पहुंच पा रहे हैं। हाजी शेरू अंसारी, समीर अंसारी ने बताया कि किसानों का आंदोलन शुरू होने के बाद इतना असर कारोबार पर नहीं पड़ा था। लेकिन अब इस तरह से कारोबार घटने से व्यापारी भी परेशान हैं।

सब्जियों के दामों में आई गिरावट

पिछले दस दिन के अंदर सब्जियों के दामों में भी गिरावट आई है। इन दिनों मंडी में थोक रेट में अब गोभी 3 रुपये है। पहले 20 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से थोक रेट में बिक रही थी। गाजर 4, पहले 25 रुपये प्रतिकिलो बिक रही थी। पालक 3 रुपये गड्डी जो पहले 10 रुपये गड्डी बिक रही थी। टमाटर 10 रुपये बिक रहा है। जबकि पहले 40 था। आलू 12 रुपये है, पहले 23 बिक रहा था। प्याज इन दिनों 22 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है जो पहले 28 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से थोक रेट में बिक रहा था। शिमला मिर्च 15 रुपये, जबकि पहले 40 रुपये बिक रही थी। मटर 15 रुपये प्रतिकिलो बिक रही है। मटर पहले पहले 30 रुपये प्रतिकिलो थी। सभी सब्जियों के थोक दाम मंडी से लिए गए आंकड़ों के मुताबिक हैं।

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