नए साल के पहले दिन कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना के विरोध में काला दिवस मनाया। इस दौरान कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर नई पेंशन योजना पर अपना विरोध प्रकट किया। साथ ही कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर भी आंदोलन ब्लैक डे चलाया। कर्मचारियों ने सरकार से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग उठाई।
पछुवादून और जौनसार बावर के सरकारी कार्यालयों में सुबह से कर्मचारियों ने काली पट्टी और काला मास्क लगाकर अपना विरोध जताया। विरोध कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना के तहत उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ेगा। कर्मचारियों की आर्थिक परेशानियों को देखते हुए कई प्रदेशों में पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया गया है। उत्तराखंड सरकार से भी कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कई बार चुके हैं, लेकिन सरकार कर्मचारियों की मांग की अनदेखी कर रही है। कहा कि लोकतंत्र में सभी को समान अधिकार मिलने चाहिए। एक ओर सरकार कुछ समय तक ही विधायक और सांसद रहने वाले लोगों को आजीवन पेंशन की सुविधा दे रही है, वहीं दूसरी ओर तीस वर्षों तक सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर खाली हाथ घर जाना पड़ रहा है। कहा कि सरकार सरकारी कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। नई पेंशन योजना के तहत काम कर रहे कर्मचारियों के परिवार भी आर्थिक असुरक्षा के भय से गुजर रहे हैं। कर्मचारी के साथ अनहोनी होने पर परिवार की आर्थिक सुरक्षा का प्रावधान नई पेंशन योजना में नहीं है। परिवार की आर्थिक सुरक्षा खतरे में होने से कर्मचारियों के मनोबल पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के लिए आंदोलन जारी रखने की बात कही। विरोध करने वालों में पूजा नेगी दानू, अंशुल जांगिड़, अखिल चमोली, राकेश कन्नौजिया, विजय द्विवेदी, बलविंदर कौर, राकेश कुमार, मोनिका रानी आदि शामिल रहे।
-------
विकासनगर। अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिशन के प्रांतीय महामंत्री ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। महामंत्री जितेंद्र बुटोइया ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सेवा के दौरान व सेवा के बाद भी अपने नागरिकों के सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए प्रयास करें। लिहाजा पुरानी पेंशन को तत्काल बहाल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने वर्ष 2005 में कोटद्वार उपचुनाव के कारण पूर्व से चयनित शिक्षकों को भी पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने की मांग की।