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बागवानों ने बैठक में रखीं समस्याएं

पुरोला के डैरिका में स्थापित कोकाकोला इंडिया तथा इंडोडच हॉर्टिकल्चर के संयुक्त तत्वावधान में स्थापित रूट स्टॉक हाई डेंसिटी सेब उत्पादन प्रशिक्षण...

बागवानों ने बैठक में रखीं समस्याएं
हिन्दुस्तान टीम,उत्तरकाशीFri, 23 Jul 2021 03:00 PM
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पुरोला के डैरिका में स्थापित कोकाकोला इंडिया तथा इंडोडच हॉर्टिकल्चर के संयुक्त तत्वावधान में स्थापित रूट स्टॉक हाई डेंसिटी सेब उत्पादन प्रशिक्षण यूनिट में शुक्रवार को क्षेत्र के बागवानों के साथ एक बैठक आयोजित की। वहीं इंडोडच के निर्देशक डा. सुधीर चड्ढ़ा ने बैठक में हाई डेंसिटी सेब उत्पादन में बागवानों को आ रही समस्याओं के निर्धारण करने पर विस्तृत जानकारी दी गयी।

शुक्रवार को इंडोडच के निर्देशक डा. सुधीर चड्ढा की अध्यक्षता में बागवानों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें बागवानों ने अपनी समस्याएं रखते हुए कहा कि जब पहले इंडोडच हॉर्टिकल्चर कंपनी ने क्षेत्र में 250 पौध के हाई डेंसिटी रूटस्टॉक सेब बागवानी के लिए मात्र एक लाख रुपये बागवान से लिये लेकिन अब उसी यूनिट को स्थापित करने के लिए दो लाख रुपये से अधिक लिया जा रहा है। वहीं सेब बागवान जगमोहन रावत, मनवीर सिंह, गिरवीर परमार आदि ने कहा कि कंपनी ने जो पौध दिए 30 से 40 प्रतिशत पौध खराब हो रही है, एक बार प्लांटेशन करने के बाद इंडोडच कि ओर से कोई देखरेख करने नही आता है और न बागवानों को ठोस जानकारी नही होने के कारण कई प्रकार की समस्याएं आ जाती है। जिस पर इंडोडच की ओर से डा. सुधीर चड्ढ़ा ने जानकारी देते हुए कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अब यह साबित हो गया है कि नई तकनीकी का यह हइडेंसिटी रूटस्टॉक का उत्पादन सफलता पूर्वक हो रहा है उन्होंने बागवानों को जानकारी देते हुए कहा कि सभी समस्याओं पर बागवानों को जानकारी देना व प्रशिक्षण जरूरी है जो कंपनी बहुत जल्दी शुरू करेगी ताकि बागवानों को किसी भी प्रकार की समस्याएं नही आएंगी।

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि आज क्षेत्र में हाई डेंसिटी के रूटस्टॉक सेब प्रजाति के स्कारलेट, स्पर, गाला, किंगराट, जेरोमाइन, एम-111, एम-9, एम-106, आईडी-1 आदि कई प्रकार सेब के बाग फलदार हो चुके है और दूसरे ही वर्ष फल देने लग गए हैं। कहा कि यह प्रजाति आज के मौसम परिवर्तन होने के साथ बहुत सफल बागवानी साबित हो रही है। बैठक में पूर्व राज्यमंत्री नारायण सिंह राणा, डीएस परमार, गिरवीर परमार, रामप्रकाश सुंदरियाल, सूर्यपाल सिंह राणा, जेपी मैठानी, भरत राणा, पूनम देवी, सीताराम गौड़ आदि दर्जनों बागवान मौजूद थे।

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