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मोरी में कई गांव के लोग जान जोखिम में डाल पार कर रहे नदी

मोरी तहसील के केदार गंगा नदी पर पुल न होने के कारण क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।...

मोरी में कई गांव के लोग जान जोखिम में डाल पार कर रहे नदी
हिन्दुस्तान टीम,उत्तरकाशीMon, 02 Jul 2018 03:38 PM
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मोरी तहसील के केदार गंगा नदी पर पुल न होने के कारण क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर शीघ्र पुल निर्माण करने की मांग की है। जिले के सूदूरवर्ती क्षेत्र तहसील मुख्यालय मोरी प्रखंड के गडूगाड पट्टी के केदार गंगा नदी (साकली खड्ड) पर पुल का निर्माण न होने से देवजानी, जीवाणु, डांडा गाँव, कुमणाई, खेड़मी एवं रमाल गाँव के ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण लकड़ी की बल्लियां डालकर आवाजाही करते हैं। पिछले वर्ष की बरसात में देवजानी गाँव की दो महिलाएँ खड्ड पार करते वक्त बह गई थी हालांकि ग्रामीणों की सहायता से इन महिलाओं को सुरक्षित बचा लिया गया जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। वहीं इन दिनों बरसात के चलते नदी उफान पर है। जिससे ग्रामीणों के समक्ष एक बार फिर समस्या गहराने लगी है। स्थानीय ग्रामीण वर्षों से पैदल पुल बनाने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन अभी तक गंभीर नहीं है। वहीं देवजानी के पूर्व प्रधान जयराम चौहान ने बताया कि लोनिवि की ओर से गत वर्षों में नदी पर गार्डर सेतु बनाने हेतु डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी थी। जिस पर अभी तक शासन में ही लंबित पड़ी हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया और शीघ्र गार्डर पुल बनवाने की मांग की। ज्ञापन प्रेषित करने वाले ग्रामीणों में जगमोहन सिंह पंवार, सुरेंद्र कुमार, उपेंद्र सिंह, बृजमोहन सिंह, दीपक चौहान, अनिल पंवार आदि दर्जनों ग्रामीणों शामिल थे।

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