ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड उत्तरकाशीपृथक जिलों की मांग को यमुनोत्री से निकली जन चेतना यात्रा

पृथक जिलों की मांग को यमुनोत्री से निकली जन चेतना यात्रा

नसंघर्ष समिति के तत्वाधान में 12 से 17 नवंबर तक चलेगा जन चेतना अभियान - पृथक जनपद की मांग के लिए संघर्ष समिति यमुनोत्री से डीडीहाट तक चलाएगी जन चेतना अभियान बड़कोट। हमारे संवाददाता पूर्व में घोषित...

पृथक जिलों की मांग को यमुनोत्री से निकली जन चेतना यात्रा
हिन्दुस्तान टीम,उत्तरकाशीTue, 12 Nov 2019 02:53 PM
ऐप पर पढ़ें

पूर्व में घोषित चार जिलों में यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत व डीडीहाट को अस्तित्व में लाने तथा इन पृथक जनपदों के निर्माण की मांग के लिए संयुक्त घोषित जनपद संघर्ष समिति के तत्वाधान में मंगलवार को यमुनोत्री से ढोल-नगाड़ों के साथ जन चेतना यात्रा शुरू हुई है। चेतना यात्रा यमुनोत्री से शुरू होकर डीडीहाट तक जाएगी। 12 नवंबर से 17 नवंबर तक चलने वाले इस जनचेतना अभियान में संघर्ष समिति क्षेत्र के लोगों को जागरूक करेगी और पृथक जनपद के निर्माण के लिए लोगों से आगे आने का आह्वान किया जाएगा।उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा़ रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा 15 अगस्त 2011 प्रदेश में चार नए पृथक जिलों के निर्माण की घोषणा की गयी थी। लेकिन आज एक दशक बीतने पर पर यह जिले अपने अस्तित्व में नहीं आ पाए हैं। लोग लगातार इन जिलों को अस्तित्व में लाने की लगातार प्रदेश सरकार से मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की जा रही है। संघर्ष समिति चेतना अभियान के माध्यम से पूर्व में घोषित चार जनपदों में यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत व डीडीहाट को अस्तित्व में लाने की मांग के लिए इन चारों पूर्व में घोषित पृथक जनपदों के सभी लोगों को साथ लेकर वृहद स्तर पर आंदोलन चलाने की तैयारी में हैं। जिसके लिए जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है।संयुक्त घोषित जनपद संघर्ष समिति के अध्यक्ष अब्बल चंद कुमांई ने बताया है कि इस बार जन जागरण के लिए चेतना अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत आज ढ़ोल नगाड़ों के साथ भव्यरूप से यहां यमुनोत्री से शुरू होकर कोटद्वार, रानीखेत होते हुए 17 नवंबर को यात्रा डीडीहाट पहुंचेगी तथा 18 नवंबर को देहरादून में मुख्यमंत्री से मिलकर इन जिलों की अलग करने की बात रखी जायेगी। कहा कि पूर्व में घोषित इन जनपदों की घोषणा किये एक दशक बीत चुका है, लेकिन अभी भी ये नए जिले अपने अस्तित्व में नही आ पाए हैं। जिसको लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा है कि लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप पूर्व में घोषित उक्त पृथक चारों जनपदों को अस्तित्व में आना जनहित में नितांत आवश्यक है।जन चेतना अभियान यात्रा में अब्बल चंद कुमांई, विशालमणी रतूड़ी, रामानंद डबराल, भरत सिंह चौहान, गुलाब सिंह जयाड़ा, नरोत्तम रतूड़ी, फकीर लाल, बलबीर , शुरबीर सिंह राणा, सुरेंद्र पुजारी, सुरपाल सिंह चौहान, मोहन दास, भगदास, राजेश आदि शामिल हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें