जर्मन नागरिक थॉमस हेनरिच गांव-गांव में दे रहा स्वच्छता का संदेश
जर्मन का एक नागरिक भारत स्वच्छता अभियान मुहिम के तहत दूरदराज गांव-गांव में जा कर लोगों को जंहा आईना दिखानें का काम कर रहा है। वहीं क्षेत्र के गदेरों, नालों व सड़क किनारों में फैले हुए कुडा, प्लास्टिक...
जर्मन का एक नागरिक भारत स्वच्छता अभियान मुहिम के तहत दूरदराज गांव में जा कर क्षेत्र के गदेरों, नालों व सड़क किनारों में फैले हुए कूड़ा, प्लास्टिक उठाकर लोगों से पर्यावरण सुरक्षा व स्वस्थ जीवन के लिए थर्माकोल व प्लास्टिक उपयोग न करने की अपील कर रहा है।सामाजिक कार्यकर्ता जर्मन नागरिक थॉमस हेनरिच स्मोकल बीते दो सप्ताह से रवांई घाटी व टोंस घाटी के आराकोट, त्यूणी, मोरी, पुरोला क्षेत्र में सड़क किनारे, नदी, नालों, गदेरों, में प्लास्टिक कचरा, पॉलिथीन व थर्माकोल आदि कचरा एकत्रित कर लोगों को जहां स्वच्छता का संदेश देने का काम कर पर्यावरण सुरक्षा को जागरूक भी कर रहा है। वहीं दूसरी और जर्मन नागरिक थॉमस हेनरिच स्मोकल दुनिया में सामाजिक कार्यों के साथ ही पर्यावरण सुरक्षा, पॉलिथीन उन्मूलन को लेकर 7 सालों से जागरूकता का संदेश देने का कार्य करता आ रहा है। शनिवार को थॉमस हेनरिच ने नगर पंचायत पुरोला क्षेत्र की मुख्य कमलनदी, मालगाड, कुमोला खड्ड व छाडा खड्ड में चार दर्जन बोरे प्लास्टिक व थर्माकोल कूड़ा-कचरा एकत्रित किया। वहीं मोरी की पावर, टौंस, नानाई गाड़, दार गंगा में सफाई अभियान चला कर दर्जनों बोरे पालिथीन, थर्माकोल आदि इकठ्ठा कर डंपिंग जोन में डाला। जर्मन नागरिक थॉमस हेनरिच ने बताया कि वह स्वच्छता व पर्यावरण सुरक्षा को लेकर भारत के भिन-भिन्न्न शहरों जयपुर, पंजाब, लद्दाख, कश्मीर, उतराखंड, यूपी, हिमाचल समेत कई शहरों में डेढ़ वर्षों से शांति यात्रा मिशन के तहत जागरूकता कार्य कर रहा है। जबकि बीते 7 वर्षों से दुनिया के आस्ट्रेलिया, हंगरी, रोमानिया इजराइल, टर्की, लेबनान, नेपाल, भारत, फिलिस्तीन आदि 16 देशों में भ्रमण कर चुका है। कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए हर नागरिक जब तक जागरूक नहीं होगा। तब तक पृथ्वी का पारिस्थितिकी तंत्र का सन्तुलन सुधारना कठिन होगा।