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गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों का श्राइन बोर्ड के विरोध में प्रदर्शन

प्रदेश सरकार की ओर से चारधाम क्षेत्र के मंदिरों को श्राइन बोर्ड के अंतर्गत लाये जाने का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों ने नगर क्षेत्र में विशाल रैली निकालकर...

गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों का श्राइन बोर्ड के विरोध में प्रदर्शन
हिन्दुस्तान टीम,उत्तरकाशीMon, 09 Dec 2019 05:32 PM
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प्रदेश सरकार की ओर से चारधाम क्षेत्र के मंदिरों को श्राइन बोर्ड के अंतर्गत लाये जाने का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों ने नगर क्षेत्र में विशाल रैली निकालकर कलक्ट्रेट परिसर मे प्रदर्शन किया। उन्होंने श्राइन बोर्ड विधेयक को तत्काल निरस्त न करने पर आगामी 18 दिसंबर को गंगोत्री एवं यमुनोत्री मंदिर के तीर्थ पुरोहितों के साथ फिर जनाक्रोश रैली निकालने की चेतावनी दी है। सोमवार को तीर्थ पुरोहित, व्यापार मंडल व विभिन्न संगठनों के लोग बड़ी संख्या में गंगोत्री धर्मशाला में एकत्रित हुए। जहां से सभी तीर्थ पुरोहित ढ़ोल दमाउ के साथ प्रदेश सरकार के खिलाफ जूलूस की सकल में नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे और श्राइन बोर्ड विधेयक का जमकर विरोध जताया। इस मौके पर हुई सभा में तीर्थपुरोहितों ने कहा कि चारों धामों की पूजा व्यवस्था एवं परपंराओं तथा प्रबंध व्यवस्था का सरकार ने अध्ययन नहीं किया और नकल करके वैष्णोदेवी और तिरुपतिबालाजी की तर्ज पर श्राइन बोर्ड का गठन कर कैबिनेट में मंजूरी दे दी। जबकि तिरुपतिबालाजी और वैष्णोदेवी की यदि उत्तराखंड के चारों धामों से तुलना की जाय तो कोई भी समरूपता नजर नहीं आती है। ऐसी स्थिति में श्राइन बोर्ड का गठन करना सर्वथा अनुचित है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ की प्रबंध व्यवस्था सन 1939 के अधिनियम के अंतर्गत संचालित हो रही है।

उसी तरह से गंगोत्री धाम में मुख्य गंगा मंदिर एवं अन्य अधीनस्थ सभी मंदिरों की पूजा अनादिकाल से मुखबा गांव के सेमवाल जाति के ब्रह्मणों करते आ रहे हैं। जिस पर सरकार के द्वारा किसी प्रकार का कोई भी हस्तक्षेप कतई तौर पर बर्दास्त नही किया जायेगा। उन्होंने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री तिवेनद्र सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित किया और प्रस्ताव को शीघ्र ही निरस्त करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तीर्थपुरोहितों की मांग पर ध्यान नही दिया तो उग्र आंदोलन करने के साथ ही वह न्यायालय की शरण लेने को बाध्य होंगे। वहीं कलक्ट्रेट परिसर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं चारधाम के पूर्व अध्यक्ष सूरत राम नौटियाल ने भी तीर्थ पुरोहितों की मांग को जयाज बतया और सरकार से निरस्त करने की मांग की। इस मौके पर पूर्व चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सूरत राम नौटियाल, विष्णुपाल रावत, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष जगमोहन रावत, मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल, प्रकाश सेमवाल, राजेश सेमवाल, अरुण सेमवाल, कुलदीप नौटियाल, अनुप सेमवाल, रजनीश सेमवाल, प्रभात सेमवाल आदि मौजूद थे।

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