मूलभूत समस्याओं के लिए ग्रामीण तहसील में देंगे धरना
उत्तराखंड राज्य को बने हुए 19 वर्ष हो गए। लेकिन उसके बाद भी द्वारी तोक के ग्रामीण अपनी मूलभूत सुविधाओं बिजली पानी और सड़क के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने कई बार संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी...
उत्तराखंड राज्य को बने हुए 19 वर्ष हो गए। लेकिन उसके बाद भी द्वारी तोक के ग्रामीण अपनी मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी और सड़क के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने कई बार संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा। जिस पर उनको अधिकारियों के कोरे आश्वासन ही मिले। जिससे दुखी होकर अब 23 मई को आचार संहिता हटते ही ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में परिवार सहित अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है। चिन्यालीसौड़ विकासखंड के ग्राम पंचायत भडकोट के द्वारी तोक में अनुसूचित जाति 15 परिवार निवास करते हैं। लेकिन इन परिवारों को आज तक बिजली, सड़क और पानी की सुविधा मुहैया नहीं हो पाई है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार ऊर्जा निगम, जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग सहित जिला प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बिजली, पानी, सड़क की मांग की। जहां से उनको केवल आश्वासन मिला लेकिन आज तक सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई। जिससे यह ग्रामीण आज अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। द्वारी निवासी बचन लाल, प्रेम लाल ने बताया कि सड़क न होने के कारण उनको भडकोट से 8 किमी की खड़ी चढ़ाई तय कर गांव पहुंचना पड़ता है। गांव में जब कोई बीमार होता है तो उसको डंडी-कंडी के सहारे सड़क तक लाना पड़ता है। जिसमें उनको भारी परेशानी उठानी पड़ती है। कहा कि बिजली के नाम पर आज विद्युत विभाग ने पोल तक नहीं लगाये। जबकि अधिकारी कर्मचारी वर्षों से आश्वासन देते आ रहे हैं। लेकिन अब ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट चुका है। उन्होंने तहसील प्रशासन को शनिवार को पत्र प्रेषित किया और शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही करने की मांग की। वहीं चेतावनी दी कि यदि इसके बाद भी समय पर कार्यवाही नहीं की गई तो वह आचार संहिता खत्म होने के बाद तहसील कार्यालय में परिवार के साथ अनशन शुरू करेंगे।