
उत्तराखंड में फिर बच्चों को शिकार बनाने लगा 'टोमेटो फ्लू', लक्षण दिखते ही कैसे करें बचाव?
संक्षेप: सीएमओ के निर्देशों के मुताबिक,चिकित्सा अधीक्षक रोजाना ओपीडी में चकत्तों के साथ बुखार के मरीजों की निगरानी करेंगे। टोमेटो फ्लू के संदिग्ध को तुरंत आइसोलेट किया जाएगा। वहीं,आरबीएसके टीम,सीएचओ,एएनएम और आशाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक कराया जाएगा।
बच्चों में हैंड फुट एंड माउथ डिजीज यानी टोमेटो फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा की ओर से सभी सरकारी-निजी अस्पताल और पैथोलॉजी लैबों को अलर्ट जारी किया गया है। कहा गया है कि बच्चों में एचएफएमडी के केस देखे जाने के बाद भारत सरकार ने भी रोकथाम के लिए पूर्व में एडवाइजरी जारी की है।

सीएमओ के निर्देशों के मुताबिक,चिकित्सा अधीक्षक रोजाना ओपीडी में चकत्तों के साथ बुखार के मरीजों की निगरानी करेंगे। टोमेटो फ्लू के संदिग्ध को तुरंत आइसोलेट किया जाएगा। वहीं,आरबीएसके टीम,सीएचओ,एएनएम और आशाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक कराया जाएगा। अस्पताल एवं लैब से तत्काल सीएमओ कार्यालय में डॉ.पीयूष अगस्टीन और मोहिनी चौहान को इसकी जानकारी देनी होगी।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.अशोक कुमार और डॉ. विशाल कौशिक ने बताया कि एचएफएमडी का मुख्य कारण एंटरो वायरस होते हैं। इस रोग में बुखार, गला सूखना,मुंह के छाले,रैशेज और भूख नहीं लगना जैसे लक्षण होते हैं। सीधा संपर्क,दूषित सतह से यह फैलता है। बचाव के लिए साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए।

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