उत्तरकाशी में भी मस्जिद पर आपत्ति, गिराने की मांग, लेकिन प्रशासन ने कह दी यह बात
उत्तरकाशी सिटी में भी एक मस्जिद को कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से अवैध बताया गया था। अब जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उत्तरकाशी सिटी में बन रही मस्जिद रजिस्टर्ड जमीन पर बनी है। यह अवैध नहीं है। उत्तराखंड पुलिस के एक अधिकारी ने जिला प्रशासन के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित श्रीवास्तव ने कहा- कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से एक ज्ञापन दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि यह एक अवैध मस्जिद है। अब जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि यह भूमि अवैध नहीं है। यह चार लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड है।
उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित श्रीवास्तव ने कहा- हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं देंगे। दक्षिणपंथी संगठनों के समूह 'संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ' ने 9 सितंबर को उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट मेहरबान सिंह बिष्ट को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें इमारत को गिराने की मांग की गई और कहा गया था कि यह राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं थी। संगठन के सदस्यों ने डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
एसपी अमित श्रीवास्तव ने कहा- दक्षिणपंथी संगठनों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह एक अवैध मस्जिद है। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को तीन दिन की समय सीमा दी थी। जिला प्रशासन के अनुसार, यह रजिस्टर्ड जमीन पर बना है, यह अवैध नहीं है। यह चार लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड है। प्रशासन ने दक्षिणपंथी संगठनों को यही बात बता दी है। हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं देंगे।
वहीं उत्तरकाशी के डीएम बिष्ट ने कहा कि मस्जिद से संबंधित जमीन के कागजात की जांच के लिए उप प्रभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) भटवारी के अधीन एक समिति गठित की है। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद कानून के अनुसार जरूरी कार्रवाई की जाएगी। समिति मस्जिद सहित उन स्थानों के भूमि अभिलेखों की जांच करेगी, जिनका उल्लेख संगठनों की ओर से दिए गए ज्ञापन में किया गया है। यदि अवैध अतिक्रमण हुआ तो इसे हटा दिया जाएगा।
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