
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अवैध खनन पर सरकार को फटकारा, अधिकारियों से मांगा एक्शन प्लान
संक्षेप: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में अवैध खनन और नदियों के भू-कटाव पर सुनवाई के दौरान अधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट होकर विस्तृत एक्शन प्लान पेश करने को कहा और सरकार से पूर्व के आदेशों का पालन न होने पर नाराजगी जताई।
हाईकोर्ट ने नंधौर, गौला, कोसी, गंगा, दाबका समेत अन्य नदियों में बरसात के समय हो रहे भू-कटाव और बाढ़ से नदियों के मुहाने अवरुद्ध होने के कारण आबादी क्षेत्रों में जलभराव, भू-कटाव होने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई की। पूर्व के आदेश पर राज्य सरकार के आला अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट में पेश हुए अधिकारियों के बयान पर नाराजगी जताई। साथ ही अधिकारियों से अवैध खनन और नदियों के चैनलाइजेशन को लेकर विस्तृत एक्शन प्लान पेश करने को कहा है। सुनवाई पर खनन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी वीसी के माध्यम से पेश हुए। उन्होंने अपना पक्ष रखा, लेकिन कोर्ट उनके तर्कों से सहमत नहीं हुई। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पूर्व के आदेशों का अनुपालन क्यों नहीं हुआ? क्यों नहीं अपनी मशीनरी से नदियों का चैनलाइजेशन किया गया? अभी तक जितने भी खनन के मामले कोर्ट में आए हैं, वह सब अवैध खनन से जुड़े हैं। राज्य सरकार कोर्ट के आदेश होने के बाद भी अवैध खनन पर रोक क्यों नहीं लगा पाई? इस पर अपने जवाब से अधिकारी कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाए। मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी। इसमें पीसीसीएफ, हेड ऑफ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, सचिव सिंचाई को मौजूद रहने को कहा गया।
अंशदायी पेंशन को लेकर राज्य सरकार को नोटिस
नैनीताल। हाईकोर्ट ने विकास प्राधिकरण सेवा परिवर्तित कार्मिक कल्याण समिति की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर व न्यायामूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही प्रतिवादियों को छह सप्ताह के भीतर प्रति शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी। याचिकाकर्ता एमडीडीए, एचडीए, एलडीए के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। उन्होंने अंशदायी पेंशन की सुविधा का दावा करते हुए याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि एमडीडीए ने वर्ष 2012 में एक करोड़ रुपये की धनराशि भी निर्धारित कर दी थी, फिर भी राज्य सरकार द्वारा अधिनियम की धारा 24 के अंतर्गत कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
नंदा-गौरा योजना का लाभ न देने पर विभागों से जवाब तलब
नैनीताल। हाईकोर्ट ने राज्य में 12वीं उत्तीर्ण बालिकाओं को नंदा-गौरा योजना का लाभ न दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग समेत संबंधित विभागों से बालिकाओं को योजना का लाभ न दिए जाने का कारण पूछा है। सभी विभागों से अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है। मामले के अनुसार, जिला चमोली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता ममता नेगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

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Anubhav Shakyaलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




