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उत्तराखंड में जहां आई आपदा, वहां अब पीने के पानी का संकट; 10 दिन से नहीं हुई सप्लाई

उत्तराखंड में जहां आई आपदा, वहां अब पीने के पानी का संकट; 10 दिन से नहीं हुई सप्लाई

संक्षेप: उत्तराखंड के सहस्रधारा, कारलीगाड़ और मालदेवता जैसे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में 10 दिन बाद भी पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है, जिससे करीब एक हजार से अधिक आबादी नदी-नालों से पानी लाने को मजबूर है, वहीं राहत राशि के चेकों में भी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं।

Fri, 26 Sep 2025 05:32 AMAnubhav Shakya लाइव हिन्दुस्तान, देहरादून
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उत्तराखंड के सहस्रधारा, कारलीगाड़, मजाड़ा और मालदेवता आदि क्षेत्रों में आपदा के दस दिन बाद भी पानी की आपूर्ति सुचारु नहीं हो पाई है। ग्रामीणों को एक किलोमीटर दूर नदी-नालों से पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। कटाव होने से पानी के स्रोत की दूरी गांव से पहले से काफी ज्यादा बढ़ गई है।

सहस्रधारा के ऊपरी इलाकों में मौजूद ग्रामीण आबादी पर इस आपदा की अधिक मार पड़ी है। उनका सड़क संपर्क तो कटा ही है बल्कि मूलभूत जरूरतों के लिए भी दूसरों पर आश्रित होना पड़ा है।

कारलीगाड़ न्याय पंचायत क्षेत्र के प्रधान राजेश ज्वाड़ी ने बताया कि कारलीगाड़ में पानी के लिए गांव के पास से बरसाती नाले से प्लास्टिक के पाइप डालकर अस्थाई व्यवस्था बनाई गई है। यह व्यवस्था कहीं एक किलोमीटर, कहीं 500 मीटर तो कहीं 200 मीटर की दूरी पर बन पाई है। कारलीगाड़ के मुख्य स्रोत का हेड भी कटाव की वजह से तीन किलोमीटर आगे खिसक चुका है। मजाड़ा गांव में सबसे अधिक परेशानी है। इन क्षेत्रों में करीब एक हजार से अधिक आबादी पेयजल के लिए संघर्ष कर रही है। कारलीगाड़ स्रोत से ही आईटी पार्क, सहस्रधारा रोड, काला गांव, कृषाली गांव की भी सैकड़ों की आबादी पेयजल संकट से जूझ रही हैं।

सहस्रधारा की आपदा से सेरा गांव पंचायत समेत दूसरी अन्य पंचायत क्षेत्रों में भी पेयजल के लिए ग्रामीणों को मशक्कत करनी पड़ रही है। मजाड़ा गांव के सौरभ ने बताया कि जगह-जगह पानी की लाइन टूटने से पानी की भारी दिक्कत हो रही है।

कंडरियाणा में कैंप लगा राशन कार्ड बनाए

भीतरली कंडरियाणा में तहसीलदार, बीडीओ सहित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी कार्मिकों ने कैंप किया। टीम ने क्षेत्र में क्षति का आकलन करके मुआवजा वितरण की कार्यवाही की। भीतरली कंडरियाणा में कृषि व भूमि क्षति के प्रभावितों को मुआवजा राशि के चेक वितरित किए गए। डीएम ने बताया कि पूर्ति विभाग द्वारा शिविर में क्षेत्र राशन कार्ड में नाम चढ़ने से छूट गए पारिवारिक सदस्यों के नाम राशन कार्ड में अंकित किया जा रहे हैं।

राहत राशि के चेक गड़बड़ी मिलने पर वापस किए

कारलीगाड़, मजाड़ा में आपदा प्रभावितों को बांटे गए राहत राशि के चेकों में गड़बड़ियां मिल रही हैं। चेक लेते समय आपदा प्रभावितों के नाम गलत लिखे होने से ये चेक लाभार्थियों के लिए बेकार हो गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार ऐसे कुछ चेक पटवारी को वापस सौंप दिए गए हैं। कुछ ग्रामीणों ने राहत राशि के चेक की धनराशि पर असंतोष भी जताया है।

भारी बारिश से जिले में 33 स्थानों पर पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें लालतप्पड़, भोगपुर, बडकोट, सनगांव, रेशमबाग माजरी, डोईवाला केशवपुरी, धनोला सहस्रधारा, घंघोड़ा, गुडरिया, कोटी, ढलानी, रजोली, होरावाला, चांदपुर, सोरना अपर, सोरना लोअर, बख्तावरपुर ग्रांट, मलेथा डालडा, बिधौली, कोटड़ा कल्याणपुर, आमवाला हरियावाला, हरिपुर बुलगाड़, कालसी जजरेंट, खमरौली, खड़ी कुईथा, कोटी आदि शामिल हैं। जिला योजना मद से मरम्मत के लिए बजट मांगा गया है।

आम आदमी पार्टी ने आपदाग्रस्त इलाकों में नुकसान की सही जानकारी सामने लाने की मांग प्रशासन से उठाई है। आप की ओर से गुरुवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता कर बताया गया कि आप के प्रतिनिधिमंडल ने सहस्रधारा के निकट मजाड़ा, शेरागांव और कारलीगाड़ व उत्तरकाशी में धराली का दौरा कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। जान-माल की हानि के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

Anubhav Shakya

लेखक के बारे में

Anubhav Shakya
भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद जी न्यूज से करियर की शुरुआत की। इसके बाद नवभारत टाइम्स में काम किया। फिलहाल लाइव हिंदुस्तान में बतौर सीनियर कंटेंट प्रोड्यूसर काम कर रहे हैं। किताबों की दुनिया में खोए रहने में मजा आता है। जनसरोकार, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों में गहरी दिलचस्पी है। एनालिसिस और रिसर्च बेस्ड स्टोरी खूबी है। और पढ़ें

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