टिहरी बांध प्रभावितों का धरना
टिहरी बांध से प्रभावित ग्रामीणों का धरना पुर्नवास दफ्तर में दूसरे दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों ने शासन-प्रशाासन पर अनदेखी का आरोप लगते हुए कहा कि अगर उनकी मांग पर जल्द कोई सकारात्मक निर्णय नहीं होता...
टिहरी बांध से प्रभावित ग्रामीणों का धरना पुनर्वास दफ्तर में दूसरे दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगते हुए कहा कि अगर उनकी मांग पर जल्द कोई सकारात्मक निर्णय नहीं होता है तो उनको आंदोलन को और तेज करना पड़ेगा। गुरुवार को टिहरी बांध प्रभावित नंदगांव, भटकंडा, पिपोला खास, रौलाकोट, गढ़ोली, चोपड़ा, खांड के ग्रामीणों ने बांध प्रभावित आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के बैनर तले अपना धरना जारी रखा। संघर्ष समिति अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने कहा कि ग्रामीणों पिछले करीब छह वर्षों से विस्थापन की मांग करते आ रहे, लेकिन शासन-प्रशासन उनकी मांगों का समाधान नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विस्थापन को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन उन्हें हर बार कोरा आश्वासन देकर गुमराह किया जाता है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों का समाधान नहीं हो जाता है उनका धरना जारी रहेगा। उन्होंने विगत वर्षों में धरना प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों पर दर्ज हुए मुकदमों को सरकार से तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्होंने शासन-प्रशासन से बांध प्रभावितों के लिए चयनित भूमि को शीघ्र आंवटन करने की मांग की है। धरना देने वालों में धनपाल बिष्ट, चन्द्रमोहन उनियाल, राम सिंह पंवार, रेखा देवी, शूरवीर सिंह, अजय सिंह, चंडी प्रसाद भट्ट, राजेंद्र सिंह कुमाईं, कीर्ति सिंह रावत, जगदंबा सेमवाल,विजयराम भट्ट, चंडी प्रसाद डबराल, विजयपाल रावत आदि मौजूद थे।