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बांध प्रभावित ग्रामीणों ने कृषि मंत्री से लगाई विस्थापन की गुहार

टिहरी बांध से प्रभावित ग्रामीणों ने कृषि मंत्री से मुलाकात कर बांध प्रभावितों का शीघ्र विस्थापन करने की मांग की। प्रभावित ग्रामीणों ने विस्थापन न होने तक टीएचडीसी को बांध की झील का जलस्तर 825 आरएल...

बांध प्रभावित ग्रामीणों ने कृषि मंत्री से लगाई विस्थापन की गुहार
हिन्दुस्तान टीम,टिहरीSat, 22 Sep 2018 05:24 PM
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टिहरी बांध से प्रभावित ग्रामीणों ने कृषि मंत्री से मुलाकात कर बांध प्रभावितों का शीघ्र विस्थापन करने की मांग की। प्रभावित ग्रामीणों ने विस्थापन न होने तक टीएचडीसी को बांध की झील का जलस्तर 825 आरएल मीटर से अधिक न भरने की अनुमति देने की मांग उठाई। शनिवार को टिहरी बांध प्रभावित ग्रामीणों के एक शिष्ट मंडल ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से नरेन्द्रनगर में मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने कहा कि वर्ष 2010 में टिहरी बांध की झील का जलस्तर 825 आरएल मीटर अधिक हो जाने के कारण भागीरथी और भिलंगना घाटी के कई गांव में भू-धंसाव की समस्या उत्पन्न हो गई थी। जिसके कारण झील के पास वाले गांव के कई ग्रामीणों के घरों में दरारें आ गई थी। जिसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से एक विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया गया। जांच समिति ने टिहरी बांध की झील से लगे 45 गांवों का निरीक्षण किया, जिसमें भिलंगना घाटी के नौ और भागीरथी घाटी के आठ गांवों को प्रभावित श्रेणी में रखा गया। ग्रामीणों द्वारा समय-समय पर विस्थापन की मांग को लेकर आंदोलन भी किया गया, लेकिन आज तक प्रभावित ग्रामीणों का विस्थापन नहीं हो पाया। कहा जब तक बांध प्रभावित भागीरथी, भिलंगना व कोटेश्वर घाटी के ग्रामीणों का विस्थापन नहीं हो जाता तब तक टीएचडीसी को 825 आरएल मीटर से अधिक झील का जलस्तर भरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ज्ञापन देने वालों में प्रदीप भट्ट, राजेंद्र कुमाई, उम्मेद सिंह, शूरवीर सिंह, भरत सिंह, जगदंबा प्रसाद सेमवाल आदि शामिल थे।

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