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पौड़ी जिले में एनसीसी अकादमी बनाए जाने का विरोध

पौड़ी जिले के देवार में एनसीसी अकादमी स्थापना पर त्रिवेंद्र सरकार कैबिनेट की मुहर लगने के बाद देवप्रयाग के लोगों ने इसका विरोध कर दिया है। पूर्व शिक्षा मंत्री ने इसे पूरी तरह से अंसवैधानिक और अनुचित...

पौड़ी जिले में एनसीसी अकादमी बनाए जाने का विरोध
हिन्दुस्तान टीम,टिहरीSun, 30 Jun 2019 03:26 PM
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पौड़ी जिले के देवार में एनसीसी अकादमी की स्थापना पर त्रिवेंद्र सरकार कैबिनेट की मुहर लगने के बाद देवप्रयाग के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। पूर्व शिक्षा मंत्री ने इसे पूरी तरह से अंसवैधानिक और अनुचित बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने अकादमी को यथावत रखने की मांग की है। देवप्रयाग क्षेत्र के श्रीकोट माल्डा में पूर्व सीएम हरीश रावत ने वर्ष 2016 में एनएससी अकादमी का शिलान्यास किया था। मंडल मुख्यालय पौड़ी में बीते शनिवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में पौड़ी जिले सितानस्यू पट्टी के देवार में एनसीसी अकादमी स्थापना पर मुहर लग गई। करीब 30.66 हेक्टेयर भूमि पर अकादमी निर्माण के लिए देवार में जमीन अधिग्रहित की गई है। पौड़ी जिले में एनसीसी अकादमी की स्थापना करने को लेकर सीएम त्रिवेंद्र रावत बीते वर्ष सात जनवरी को घोषणा कर चुके थे। पूर्व काबीना मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने वर्ष 2014 में अकादमी को देवप्रयाग के श्रीकोट माल्डा में खोले जाने की कवायद शुरू की थी। अकादमी निर्माण को लेकर एनसीसी उपमहानिदेशक एसके साइनी और ले. कर्नल जसपाल नेगी आदि ने श्रीकोट माल्डा में ग्रामीणों द्वारा दी गई दस एकड़ भूमि का निरीक्षण भी किया था। बीते पांच दिसंबर 2016 को पूर्व सीएम हरीश रावत ने श्रीकोट माल्डा में देश की पांचवीं एनसीसी अकादमी का शिलान्यास किया था। त्रिवेंद्र सरकार के फैसले पर पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिस अकादमी का शिलांयास एक मुख्यमंत्री कर चुके हो और अकादमी निर्माण के लिए दो करोड़ का बजट जारी हो चुका हो उसकी जगह बदलना उचित नहीं है। कहा एनसीसी अकादमी को किसी भी कीमत पर श्रीकोट माल्डा से नहीं हटने दिया जाएगा। इसके लिए क्षेत्र की जनता के साथ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। श्रीकोट माल्डा ग्राम प्रधान साब सिंह बागड़ी ने कहा यह जनता के साथ धोखा है। ग्रामीणों ने यहां दो सौ नाली जमीन अकादमी निर्माण हेतु दी है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि रजनीशकांत तिवाड़ी, विजेंद्र नाथ, उषा देवी, रोशनी चमोली, दीवान सिंह कठैत आदि सरकार से तत्काल इस फैसले को रद्द करने की मांग की है।

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