पानी की बर्बादी रोकने को सिस्टम बने संवेदनशील
‘हिन्दुस्तान’ के पानी मेरा हक अभियान के तहत राजधानी दून में पानी की बर्बादी की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। जल प्रहरी की तरह काम कर रहे शहर के कई लोगों ने इसे लेकर चिंता भी जताई। जिस...
‘हिन्दुस्तान’ के पानी मेरा हक अभियान के तहत राजधानी दून में पानी की बर्बादी की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। जल प्रहरी की तरह काम कर रहे शहर के कई लोगों ने इसे लेकर चिंता भी जताई। जिस पानी पर हर साल करोड़ों का बजट खपा रहे हैं, उसी पानी की बर्बादी रोकने के लिए छोटे-छोटे उपाय कर आमजन को पानी का हक दिलाया जा सकता है।
बिना टोंटी के स्टैंडपोस्ट
ट्रांसपोर्टनगर में कई जगहों पर स्टैंडपोस्ट बगैर टोंटी के हैं। जिससे सुबह-शाम के वक्त पानी की सप्लाई होती है तो बगैर टोंटी लगे नलों से लगातार पानी बहता रहता है, जबकि यहां घरों में पानी कम प्रेशर से पहुंच रहा है। स्थानीय लोग कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं। हरीश स्वरूप कहते हैं कि उन्होंने खुद कई बार खरीदकर टोंटी लगवाई भी, लेकिन उचित देखरेख के अभाव में कुछ समय बाद खराब हो जाती हैं।
समाधान
सार्वजनिक नलों की देख रेख के लिए सिस्टम तैयार करना होगा। जल ऑडिट टीम की सदस्य पूजा सुब्बा बताती हैं कि इसके लिए मोहल्लों में समितियां बनाई जानी चाहिए और सार्वजनिक नलों के संचालन की जिम्मेदारी इन समितियों को दी जानी चाहिए। जिससे पानी का वितरण सही ढंग से हो।
टैंकर भरने में बर्बाद हो जाता है पानी
जल संस्थान के परेड ग्राउंड स्थित वाटर फीलिंग प्वाइंट पर ही टैंकरों को भरने में ही हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। निजी संस्था अपना परिवार सामाजिक संगठन ने इस पर अध्ययन भी किया और जल संस्थान को रिपोर्ट भी सौंपी। बताया कि एक दिन में जितना पानी टैंकर यहां से ले जाते हैं, उसका 15 फीसदी मौके पर ही बर्बाद हो जाता है।
समाधान
अपना परिवार संस्था ने सुझाव दिया है कि सीधे टैंकरों में पानी डालने की बजाय, फ्लैक्सिबल पाइप के जरिए पानी टैंकरों में भरकर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है। जल संस्थान के सीजीएम एसके शर्मा भी इस सुझाव को महत्वपूर्ण बताते हैं।
विधानसभा के सामने लीकेज
विधानसभा से दो सौ मीटर की दूरी पर ही मुख्य लाइन पर लीकेज है। यह पूरे सिस्टम की पोल खोलने के लिए काफी है। ओएनजीसी से रिटायर्ड ऑफिसर एसपी चमोली के मुताबिक करीब डेढ़ इंच पानी 24 घंटे विधानसभा तिराहे पर मुख्य लाइन से बह रहा है। डेढ़ साल से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
समाधान
यहां मुख्य लाइन के लीकेज को रोकने के लिए जल संस्थान को पहल करनी होगी। यह लीकेज मुख्य लाइन पर वैल्डिंग कर ही सही हो सकता है। जिससे हर दिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी मामूली खर्च कर बचा सकते हैं। इस पर कार्य करना होगा।
चंद्रबनी चोइला में पानी की किल्लत
चंद्रबनी-चोइला में जल संस्थान पानी तो नहीं पहुंचा पा रहा है, लेकिन बिल जरूर समय पर भेज देता है। यहां करीब सौ परिवार पानी के संकट से जूझ रहे हैं।
आधा पानी लीकेज में बर्बाद हो रहा है, लोग खुद ही नलों के लीकेज की निगरानी करते हैं, बकायदा यहां लोगों की ड्यूटी लगाई है, ताकि लीकेज की मरम्मत का खर्च एक पर ही न पड़े। सुरेन्द्र सिंह थापा का कहना है कि भारूवाला ग्रांट वेल रोड में पानी की दिक्कत है। दस हजार की आबादी के लिए दो ट्यूबवेल में से एक ही काम करता है। मोहब्बेवाला इंडस्ट्रियल क्षेत्र के गंदा पानी मिलने की शिकायत के बाद ट्यूबवेल को बंद कर दिया गया।
पूजा सुब्बा का कहना है किक्लेमनटाउन सोसाइटी एरिया में एक ट्यूबवेल बन चुका मगर उसे चालू नहीं किया गया है।
समाधान
गंगाराम, धन बहादुर क्षेत्री कहते हैं कि यहां वन भूमि सबसे बड़ी परेशानी है, जिससे नई योजनाएं नहीं बन रही हैं। लाइनें काफी पुरानी हो गई हैं। इसलिए इन्हें बदला जाना चाहिए और नई योजनाओं को स्वीकृति मिलनी चाहिए। ताकि धारावाली, सेवलांखुर्द, पट्टियों में भुत्तोवाला चौक, चोइला के लोगों को पर्याप्त पानी मिल पाए। पेयजल के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
लीकेज से सड़क भी हो रही खराब
प्रेमनगर की श्यामपुर रोड पर अगर आप चल रहे हैं तो यहां जो गड्ढे नजर आएंगे वह सिर्फ पाइप लाइन लीकेज की वजह से हैं। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता वीरु बिष्ट के मुताबिक श्यामपुर रोड पर 20 से अधिक जगह पर पाइप लाइन लीकेज हो रही है। शिकायत को जल संस्थान गंभीरता से लेता ही नहीं है। इससे परेशानी बनी है।
समाधान
अगर जल संस्थान लीकेज सही नहीं करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई का सुझाव अधिवक्ता अभिषेक भट्ट देते हैं। वह कहते हैं कि एक तो पानी लोगों को नहीं मिल रहा है और दूसरा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह अपने आप में अपराध है। मामले में कार्रवाई की जा सकती है।
जुगाड़ के कारण भी बर्बाद हो रहा पानी
कैनाल रोड जाखन में पाइप लाइन में एक के बाद एक कई लीकेज हैं। पार्षद कमल थापा ने हर दिन बर्बाद हो रहे पानी को लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एक अधिकारी ने इस लीकेज की अलग वजह बताई, कहा कि एयर प्रेशर को निकालने के लिए कट लगाए जाते हैं। इन्हीं कट से सबसे ज्यादा पानी बर्बाद हो रहा है।
समाधान
पाइप लाइन के एयर प्रेशर को निकालने के लिए जुगाड़ व्यवस्था के प्रयोग के बजाए इंजीनियरों को इसका सही हल निकालना होगा। इसके लिए अनुभवी अफसरों को खुद मौके पर जाकर इसका समाधान निकालना चाहिए।
सेवलांखुर्द में ढाल और ऊचांई की वजह से कई जगह पानी की किल्लत है। यहां पर सात हजार की आबादी को पानी का संकट झेलना पड़ रहा। लम्बे समय से पानी की दिक्कत बनी हुई है।
सरस्वती सेन, स्थानीय निवासी
विभाग ने पानी की लीकेज की समस्या को गंभीरता से लिया है। कई जगह मरम्मत शुरू कर दी गई है। जो भी शिकायतें आ रही हैं, उन पर तत्काल कदम उठाने के लिए अधीनस्थों को स्पष्ट आदेश किए गए हैं।
एसके शर्मा, मुख्य महाप्रबंधक, उत्तराखंड जल संस्थान