उत्तराकशी: मोरी के कई गांव संदेशों को अब भी डाकियों के भरोसे
ब्लाक के दूरस्थ गांव बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाओं के लिए जहां आज भी विकास की बाट जो रहे हैं, वहीं संचार क्रांति से डिजीटल होती दुनिया में मोरी के दर्जनों गांव आज भी सूचनाओं और संदेशों के...
ब्लाक के दूरस्थ गांव बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाओं के लिए जहां आज भी विकास की बाट जो रहे हैं, वहीं संचार क्रांति से डिजीटल होती दुनिया में मोरी के दर्जनों गांव आज भी सूचनाओं और संदेशों के लिए इंटरनेट नहीं बल्कि डाकिये के भरोसे हैं। संचार सेवाओं का विस्तार आज भी मोरी के दूरस्थ गांवों में नहीं हो पाया है। गांवों के लोगों का कहना है कि यदि मोरी को संचार सेवायें में सुदृढ़ करने के प्रयास नहीं होते हैं तो आने वाले लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने को मजबूर होंगे। उत्तरकाशी जनपद की पूरी मोरी तहसील विकास के साथ ही संचार सेवाओं के बिना आदम युग में जी रही है। मोरी के मोरी के नुराणू, मसरी, दौणी, खनयासणी, गवाल गांव, सेवा, वरी, ओसला, पंवाणी, गंगाड,लिवाड़ी, फिताड़ी ,रेकचा, कासला, राला आदि गांव में संचार सेवा हैं ही नहीं। जिसके कारण गांव के लोग अपन संदेश रिश्तेनातेदारों तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग की सेवाओं का सहारा लेते हैं। सूचनाओं व संदेशों के आदान-प्रदान के आज भी उन्हें डाकिये का इंतजार रहता है।
क्या कहते हैं लोग
इस क्षेत्र से जुड़े जिलापंचायत सदस्य रेवती राणा, उमराव सिंह चौहान, पुर्व जेस्ट प्रमुख बचनसिंह पंवार, जयमोहन सिंह राणा, बलवीर सिंह रावत, जयचंद रावत, जयसिंह राणा, रणदेव सिंह कुंवर का कहना है कि संचार क्रांति के दौर में मोरी के दूरस्थ गांवों के हालात बदतर हैं। डाकिये के भरोसे इन गांवों की संदेश प्रेषण सेवायें चल रही हैं। लोगों का कहना है कि संचार सेवाएं दुरुस्त नहीं कीं तो चुनाव बहिष्कार किया जाएगा।