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वाहनों की फिटनेस, लाइसेंस और दोबारा पंजीकरण में जुर्माने से राहत, पढ़ें पूरी खबर

वाहनों की फिटनेस, लाइसेंस एवं दोबारा पंजीकरण में देरी की वजह से वाहन स्वामी को अब अतिरिक्त जुर्माना नहीं देना होगा। त्रिवेंद्र सरकार ने इलाहाबाद और मद्रास उच्च न्यायालय के आदेशों के मुताबिक उत्तराखंड...

वाहनों की फिटनेस, लाइसेंस और दोबारा पंजीकरण में जुर्माने से राहत, पढ़ें पूरी खबर
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनWed, 20 Nov 2019 01:04 PM
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वाहनों की फिटनेस, लाइसेंस एवं दोबारा पंजीकरण में देरी की वजह से वाहन स्वामी को अब अतिरिक्त जुर्माना नहीं देना होगा। त्रिवेंद्र सरकार ने इलाहाबाद और मद्रास उच्च न्यायालय के आदेशों के मुताबिक उत्तराखंड में केंद्रीय मोटर व्हीकल ऐक्ट 1989 के अतिरिक्त शुल्क में संशोधन को खत्म करने का निर्णय किया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने इस शुल्क को 29 दिसंबर 2016 को लागू किया था। अपर सचिव-परिवहन रणवीर सिंह ने परिवहन आयुक्त को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के साथ ही न्याय विभाग का परामर्श भेज कार्यवाही के लिए कह दिया गया है। संपर्क करने पर परिवहन उपायुक्त सुधांशु कुमार गर्ग ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश मुख्यालय को मिल गए हैं। इस शुल्क को खत्म करने के लिए आयुक्त कार्यालय से प्रशासकीय आदेश जल्द जारी होंगे।

 

रोजाना के हिसाब से ज्यादा जुर्माने पर आपत्ति
केंद्र सरकार ने 29 दिसंबर 2016 को केंद्रीय मोटर ह्वीकल ऐक्ट में संशोधन कर दिया था। इससे फिटनेस, लाइसेंस और वाहनों का दोबारा पंजीकरण समय पर नहीं कराने वालों पर भारी-भरकम जुर्माना लागू हो गया था। ऐसे वाहन चालकों को रोजाना 50 रुपये के हिसाब से जुर्माना देना होता है। राज्य में भी यह नियम उसी दिन लागू हो गया था। कम शुल्क लेने पर परिवहन विभाग के एक लिपिक को सस्पेंड तक कर दिया गया था। यूपी और तमिलनाडु में लोगों ने हाईकोर्ट की शरण ली। उनका तर्क था कि कई बार व्यावहारिक दिक्कतों की वजह से भी व्यक्ति समय पर ऐसे काम नहीं करा पाता। इसलिए रोजाना के हिसाब से जुर्माना बहुत ज्यादा हो जाता है। इलाहाबाद और मद्रास हाईकोर्ट ने ऐक्ट के इस संशोधन पर रोक लगा दी थी। अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह ने बताया कि इस आदेश के बाद शासन से दिशा-निर्देश मांगे गए थे। शासन ने न्याय विभाग की राय के आधार पर कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं।

मोटरयान नियमावली :उत्तराखंड में बिना इंश्योरेंस गाड़ी चलाना भारी पड़ेगा
देहरादून। सड़क हादसों की जांच में पुलिस की भूमिका और बीमा अनिवार्यता से जुड़े संशोधन लागू हो गए हैं। त्रिवेंद्र रावत सरकार ने मोटरयान संशोधन नियमावली-2019 जारी कर दी है। इसके तहत बीमा रहित वाहन चलाने पर कड़ी कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं। यदि किसी बिना बीमा वाले वाहन से सड़क हादसा होता है तो पीड़ित को अंतरिम सहायता देने के लिए उस वाहन को बेचा भी जा सकता है। बिना बीमा वाले वाहन से हुए हादसे में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने अथवा स्थायी विकलांगता पर वाहन जब्त किया जाएगा। अदालत उस वाहन को वाहन स्वामी के स्तर से पीड़ित को आर्थिक सहायता राशि नहीं देने तक जब्त रख सकती है। ऐसे वाहन को छह माह बाद सार्वजनिक नीलामी में बेचने का प्रावधान भी किया गया है। इसके साथ ही पुलिस को सड़क हादसों की विधिवत जांच करनी होगी।

 

रिश्वत लेते गिरफ्तार परिवहन कर्मी सस्पेंड
देहरादून। प्रदूषण केंद्र के लाइसेंस के लिए बीते दिनों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार परिवहन आयुक्त मुख्यालय के सहायक लिपिक विपिन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। 16 नवंबर को विजिलेंस ने यह कार्रवाई की थी। अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह ने बताया कि कर्मचारी सेवानियमावली के अनुसार 48 घंटे से अधिक अवधि तक जेल में रहने वाले कार्मिक को सस्पेंड करने का प्रावधान है। 

 

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