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उत्तराखंड में वाहनों की कंपाउंडिंग फीस बढ़ेगी

यातायात नियमों के उल्लंघन पर अब दस गुना ज्यादा तक कंपाउंडिंग फीस (शमन शुल्क)भी चुकानी होगी। एक सितंबर से लागू होने जा रहे संशोधित मोटर वाहन ऐक्ट के मद्देनजर राज्य ने कंपाउंडिंग फीस में बदलाव की कसरत...

उत्तराखंड में वाहनों की कंपाउंडिंग फीस बढ़ेगी
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनFri, 23 Aug 2019 02:22 PM
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यातायात नियमों के उल्लंघन पर अब दस गुना ज्यादा तक कंपाउंडिंग फीस (शमन शुल्क)भी चुकानी होगी। एक सितंबर से लागू होने जा रहे संशोधित मोटर वाहन ऐक्ट के मद्देनजर राज्य ने कंपाउंडिंग फीस में बदलाव की कसरत शुरू कर दी। परिवहन आयुक्त मुख्यालय इसका प्रस्ताव बना रहा है।  परिवहन उपायुक्त एसके सिंह ने बताया कि यातायात उल्लंघन पर विभागीय स्तर पर होने वाली कार्रवाई में कंपाउंडिंग फीस का प्रावधान है। नए ऐक्ट के अनुसार इसकी दरों को भी संशोधित किया जा रहा है जो एक सितंबर से ही लागू कर दी जाएंगी।

 

एंबुलेंस-फायर ब्रिगेड को रास्ता न देना भी जुर्म 
यातायात नियम तोड़ने वालों के लिए नए मोटर वाहन ऐक्ट में कुछ नये सख्त दंड भी लागू किए गए हैं। इसके तहत दुपहिया पर तीन सवारी बिठाकर चलाने पर एक से दो हजार रुपये जुर्माना देना होगा। हेलमेट के लिए पहले सामान्यत: 100 रुपये जुर्माना लिया जाता था। अब इसके लिए पृथक से दंड का प्रावधान किया गया है। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि जनहित से जुड़े वाहनों को रास्ता न देने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।

यूं बदलेगी फीस

  • बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर धारा 180 में इस वक्त कंपाउंडिंग फीस 100 रुपये है। नए ऐक्ट में दंड की राशि 500 रुपये के बजाए 5000 रुपये कर दी गई है। इसके अनुसार कंपाउंडिंग फीस भी करीब 10 गुना तक बढ़ सकती है।
  • बिना परमिट, रजिस्ट्रेशन और फिटनेस के वाहन चलाने पर धारा 192 और 192ए लागू होती है। इस पर नये ऐक्ट में जुर्माना पांच हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया गया है। इस हिसाब से वर्तमान की कंपाउंडिंग फीस पांच हजार रुपये है जो दोगुनी होनी तय है।
  • बिना सीट बेल्ट और बिना हेलमेट वाहन चलाने पर धारा 177 तक महज 100 रुपये कंपाउंडिंग फीस ली जाती है। नई व्यवस्था में इनका जुर्माना एक हजार रुपये तक बढ़ाया गया है। कंपाउंडिंग फीस भी इसी अनुपात में बढ़ाई जाएगी।

 

गाड़ी मोडिफाइ की तो देने होंगे एक लाख रुपये
नये ऐक्ट लागू होने पर वाहनों से छेड़छाड़ कर उन्हें नया लुक देना भी कानूनन अपराध होगा। यदि वाहन उत्पादक या वाहन डीलर वाहन के मॉडल में बिना अनुमति बदलाव करता है तो उस पर एक लाख रुपये जुर्माना लगेगा।  यदि वाहन का मालिक अपने हिसाब से गाड़ी में कुछ बदलाव करता पाया गया तो उस पर दस हजार रुपये जुर्माना देना होगा। अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग अपनी गाड़ी को कुछ अलग दिखाने के लिए उसे मोडिफाई करवा देते हैं। इसी प्रकार देखा गया है कि डीजल-पेट्रोल के वाहनों में गैस किट भी लगाई जा रही हैं। इन पर भी नकेल कसी जाएगी।

ऐक्ट में तय जुर्माने   के आधार पर राज्य कंपाउंडिंग फीस तय करते हैं। वर्तमान दरों का परीक्षण करते हुए कंपाउंडिंग फीस संशोधित की जा रही है। सभी अफसरों   से प्रस्ताव भी मांगे गए हैं।
एसके सिंह, परिवहन उपायुक्त 

 

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