पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेई उत्तराखंड में सड़कों का मजबूत नेटवर्क को बिछाने के लिए भी याद किए जाएंगे
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में सड़कों का मजबूत नेटवर्क को बिछाने के लिए भी याद किए जाएंगे। अटल शासन काल में ना सिर्फ राज्य की प्रमुख सड़कों को एनएच...
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में सड़कों का मजबूत नेटवर्क को बिछाने के लिए भी याद किए जाएंगे। अटल शासन काल में ना सिर्फ राज्य की प्रमुख सड़कों को एनएच का दर्जा मिला, बल्कि इसी दौर में शुरू प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत प्रदेश में अब तक 1789 गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा चुका है। लोनिवि के विभागाध्यक्ष आरसी पुरोहित के मुताबिक वाजपेई सरकार के कार्यकाल में ही उत्तराखंड में एनएच निर्माण में तेजी आई। तब गढ़वाल सांसद बीसी खंडूड़ी को केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री बनाने का सीधा फायदा उत्तराखंड को मिला। वाजपेई सरकार ने चारधाम यात्रा मार्ग के ऋषिकेश- गंगोत्री, धरासू- फूलचट्टी, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड और कुमांऊ मंडल में टनकपुर- पिथौरागढ़ के राज्य हाईवे को एनएच का दर्जा दिया। जबकि इससे पहले राज्य में सिर्फ हरिद्वार -धामपुर- रुद्रपुर- बनबसा -बरेली और ऋषिकेश - बद्रीनाथ के रूप में दो ही हाईवे थे।
गांवों को मिली बारहमासी सड़कें
अटल सरकार की एक और कामयाबी ग्रामीण सड़क योजना के रूप में थी। 2001 में शुरू इस योजना के तहत गांवों में पहली बार बारामासी पक्की सड़कें बनी। उत्तराखंड में पीएमजीएसवाई के मुख्य अभियंता केके श्रीवास्तव के मुताबिक इस योजना के तहत अब तक राज्य में 1789 गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा चुका है। अब राज्य में ऐसे महज दो सौ गांव ही ऐसे बचते हैं, जहां सड़क नहीं पहुंच पाई है।