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उत्तराखंड : नए साल का जश्न मनाने 10 हजार फीट की ऊंचाई पर खलिया पहुंचे पर्यटक

नए साल का जश्न मनाने के लिए उत्तराखंड की हिमनगरी मुनस्यारी पर्यटकों की पहली पसंद में शुमार रहती है। इस बार भी थर्टी फर्स्ट मनाने देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक यहां पहुंचे हैं। इनमें से अधिकतर...

उत्तराखंड : नए साल का जश्न मनाने 10 हजार फीट की ऊंचाई पर खलिया पहुंचे पर्यटक
पूरन पांडे,मुनस्यारीThu, 31 Dec 2020 09:48 AM
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नए साल का जश्न मनाने के लिए उत्तराखंड की हिमनगरी मुनस्यारी पर्यटकों की पहली पसंद में शुमार रहती है। इस बार भी थर्टी फर्स्ट मनाने देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक यहां पहुंचे हैं। इनमें से अधिकतर पर्यटक 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित खलिया पहुंचकर पुराने साल को अलविदा कहेंगे और नए साल के आगमन का जश्न मनाएंगे। इसके लिए पहले ही पर्यटकों ने खलिया में टेंट गाड़ दिए हैं।

कोरोना संकट के बीच थर्टी फर्स्ट मनाने और नए साल का आगाज करने हरियाणा, पंजाब, यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात सहित देश के विभिन्न हिस्सों से एक हजार से अधिक पर्यटक हिमनगरी मुनस्यारी पहुंचे हैं। जानकारी के मुताबिक, थर्टी फर्स्ट मनाने के लिए खलिया टॉप पर अधिकतर पर्यटकों टेंट भी गाड़ दिए हैं। पर्यटक थर्टी फर्स्ट के लिए पहले ही साजो-सामान के साथ यहां पहुंच चुके हैं। खलिया पर्यटकों की आवाजाही से गुलजार है। 13 सदस्यों के साथ टफर एडवेंचर कैंप गुजरात के डायरेक्टर दिनेश एवं टफर ने कहा कि उनकी टीम थर्टी फर्स्ट के सेलिब्रेशन को लेकर काफी उत्साहित है।

पर्यटकों की आवाजाही से कारोबारियों के चेहरे खिले

कोरोना संकट के बीच लगे लॉकडाउन से पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप रहा। जिससे होटल कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा। थर्टी फर्स्ट को लेकर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से कारोबारियों के मुरझाए चेहरे पर फिर से मुस्कान लौटी है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश रावत ने कहा निश्चित तौर पर पर्यटकों के आने के कारोबार को गति मिली है।

इस बार थर्टी फर्स्ट को आधे भी नहीं पहुंचे पर्यटक

थर्टी फर्स्ट निश्चित तौर पर कारोबारियों के लिए राहत लेकर आया है। लेकिन उम्मीद के बराबर अब भी पर्यटक मुनस्यारी नहीं पहुंचे। आंकड़ों के मुताबिक पिछली बार ढाई हजार से अधिक पर्यटक थर्टी फर्स्ट मनाने मुनस्यारी पहुंचे थे, जिनकी संख्या इस बार आधे से भी कम है। लेकिन कोरोना संकट के बीच पर्यटकों की यह संख्या कारोबारियों के लिए किसी संजीवनी से भी कम नहीं है।

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