नाम बदलकर रह रहा था हत्या का आरोपी, 14 साल बाद एसटीएफ ने ऐसे पकड़ा; प्रॉपर्टी विवाद में की थी चाचा की हत्या
आरोपी प्रकाश पंत नाम ने प्रॉपर्टी विवाद के चलते 14 साल पहले नैनीताल में दिनदहाड़े अपने ही सगे चाचा दुर्गा पंत की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था।

Uttarakhand Murder Case: अपने ही चाचा की हत्या के बाद फरार हुए भतीजे को उत्तराखंड एसटीएफ ने आखिरकार 14 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी प्रकाश पंत नाम ने प्रॉपर्टी विवाद के चलते 14 साल पहले नैनीताल में दिनदहाड़े अपने ही सगे चाचा दुर्गा पंत की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था। एसटीएफ ने हत्यारोपी को हरियाणा के फरीदाबाद से पकड़ा। बताया जा रहा है कि आरोपी प्रकाश पंत ने अपनी पहचान बदल ली थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए नया नाम रख लिया था। पुलिस ने कहा कि कई सालों में उसने देशभर में अपने कई ठिकाने भी बदले।
आरोपी पंत के खिलाफ 2009 में नैनीताल जिले के लाल कुआं पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था। उस पर एक लाख का इनाम था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) आयुष अग्रवाल ने कहा, 'आरोपी नया नाम ओम प्रकाश बताकर 14 साल तक गिरफ्तारी से बचता रहा। उसने अपने रिश्तेदारों के बीच यह गलत खबर भी फैला दी कि वह नेपाल में रह रहा है। उन्होंने कहा, 'वह वेल्डिंग में काफी अच्छा था ऐसे में उसे काम खोजने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह देश भर में अपने कई बार ठिकाने बदलता रहा और अलग-अलग वेल्डिंग दुकानों और कारखानों में काम करता रहा। गिरफ्तारी के वक्त वह हरियाणा के फरीदाबाद में अपनी वेल्डिंग की दुकान चला रहा था।
एसएसपी ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि उसके पिता और उसके चाचा के बीच चंपावत जिले में उनकी पैतृक जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। आरोपी के चाचा नैनीताल जिले के लाल कुआं में रहते थे। 10 दिसंबर 2009 को आरोपी प्रॉपर्टी विवाद पर बातचीत करने के लिए दिल्ली से अपने चाचा के घर नैनीताल पहुंचा था। उसने (आरोपी) दावा किया कि उसने अपने चाचा को समझाने की कोशिश की लेकिन वह अपनी स्थिति पर अड़े रहे। अपने चाचा के व्यवहार से गुस्सा होकर आरोपी ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी और भाग गया। उस दिन के बाद से वह गिरफ्तारी से बचने के लिए हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र सहित अलग-अलग राज्यों में रहा।
उन्होंने बताया कि हत्या के सात साल बाद 2016 में उसने उत्तर प्रदेश के उन्नाव की पूजा नाम की लड़की से शादी की। इसके बाद उसने बल्लभगढ़ (फरीदाबाद) में एक वेल्डिंग की दुकान खोली, जहां वह पिछले 7 सालों से रह रहा था। आरोपी ने नया नाम ओम प्रकाश रख लिया था और लोग उन्हें इसी नाम से जानते थे। साथ ही उसने अपने रिश्तेदारों को ये बताया कि वह नेपाल में रह रहा है और कभी भारत नहीं लौटेगा।'
