उत्तरकाशी टनल: सिलक्यारा भी अब देश-दुनिया के सफल रेस्क्यू में शामिल, 41 को मिली जिंदगी
उत्तरकाशी में 41 श्रमिकों को 17वें दिन सकुशल रेस्क्यू किए जाने के साथ ही सिलक्यारा देश-दुनिया के बड़े बचाव अभियानों में शामिल हो गया। आपदा राहत टीमों ने अपनी योग्यता और क्षमता का लोहा मनवाया।

उत्तरकाशी में 41 श्रमिकों को 17वें दिन सकुशल रेस्क्यू किए जाने के साथ ही सिलक्यारा देश-दुनिया के बड़े बचाव अभियानों में शामिल हो गया। यहां देश की आपदा राहत टीमों ने अपनी योग्यता और क्षमता का लोहा मनवाया। यह देश का अभी तक का सबसे सफल रेस्क्यू अभियान माना जा रहा है। इस अभियान के दौरान हमारे संसाधन, आपदा प्रबंधन और इंजीनियरिंग कौशल को कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ा।
-थाईलैंड गुफा हादसा 23 जून 2018 को वाइल्ड बोअर्स फुटबॉल टीम के 12 खिलाड़ी और कोच थाईलैंड की थाम लुआंग नांग नॉन गुफा के परिसर की तलाश कर रहे थे। भारी बारिश से सुरंगों में पानी भर गया। इन सबको केटामाइन दवा से बेहोश करके एक-एक कर गुफा से बाहर निकला गया था। अभियान दो सप्ताह चला।
-बंगाल खदान हादसा 13 नवंबर 1989 को पश्चिम बंगाल के रानीगंज की कोयला खदान में 220 मजदूर काम कर रहे थे, तभी अचानक बाढ़ आ गई। दो लिफ्ट से मजदूरों को बाहर निकाला जाने लगा। इस बीच लिफ्ट के शॉफ्ट में पानी भर गया और 71 मजदूर फंस गए। टीन की चादर का कैप्सूल बनाकर तीन दिन बाद 65 मजदूरों को सकुशल निकाल लिया गया, लेकिन छह श्रमिक डूबने के कारण जान गंवा चुके थे।
-बोरवेल हादसा हरियाणा में कुरुक्षेत्र के हल्ढेरी गांव में 60 फीट गहरे बोरवेल में पांच साल का मासूम प्रिंस गिर गया था। इसके बाद तीन फीट व्यास वाले पाइप का इस्तेमाल कर करीब 50 घंटे की कड़ी मशक्कत के वह सुरक्षित बाहर निकला।
-चिली खदान हादसा पांच अगस्त 2010 का चिली खनिकों का बचाव अभियान भी खूब चर्चा में रहा था। वहां खदान ढहने से 33 श्रमिक दब गए। बचाव टीम को 22 अगस्त को सफलता मिली, जब उसे सतह से नीचे सुराख करने में कामयाबी मिली। 69 दिन बाद 33 खनन कर्मियों को चिली के राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंगे कैप्सूल के जरिए एक-एक कर बचाते देखा गया।
-ऑस्ट्रेलिया का खदान हादसा 25 अप्रैल 2006 को भूकंप के कारण दो ऑस्ट्रेलियाई मजदूर सोने की खदान में जमीन के नीचे करीब एक किलोमीटर अंदर फंस गए। पांच दिन बाद थर्मल कैमरों का इस्तेमाल किया तो दोनों के जीवित होने का पता चला। 14 दिनों के बाद ये लोग खदान से बाहर आ पाए।
-चीन में सात दिन तक खदान में फंसे रहे 113 मजदूर 2010 में चीन के शांक्सी प्रांत की कोयला खदान से 115 मजदूरों को सात दिन बाद बाहर निकाला जा सका था। खदान में 153 श्रमिक फंसे हुए थे, जिनमें से 23 की मौत हो गई थी। जबकि, 15 का कभी पता ही नहीं चल पाया। भोजन के अभाव में चीड़ के खंभों की छाल खाते थे।
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