उत्तराखंड में मंडरा रहा है बड़े भूकंप का खतरा
उत्तराखंड में रामनगर और कालाढूंगी क्षेत्र में पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट में झुकाव बढ़ रहा है। इसके चलते इस क्षेत्र में आठ डिग्री की तीव्रता का भूकंप आ सकता है। यह आशंका है आईआईटी कानपुर से आई भूगर्भ...
उत्तराखंड में रामनगर और कालाढूंगी क्षेत्र में पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट में झुकाव बढ़ रहा है। इसके चलते इस क्षेत्र में आठ डिग्री की तीव्रता का भूकंप आ सकता है। यह आशंका है आईआईटी कानपुर से आई भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम का। अपने शोध में टीम ने केंद्रीय भू-गर्भ मंत्रालय को बताया है कि इस झुकाव से भूकंप का केंद्र बिन्दु रामनगर और कालाढूंगी क्षेत्र हो सकता है। अब वैज्ञानिक नंदपुर गांव पहुंचकर इंडियन प्लेट में आए झुकाव और भूकंप के संभावित का केंद्र का रहस्य खंगालने में जुटे हैं। विस्तृत शोध के लिए देश-विदेश के वैज्ञानिक 25 फरवरी को नंदगांव पहुंचेंगे। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड में भूकंप आने का अंदेशा 2015 में जता दिया था। तब भी बैलपड़ाव में जमीन की सतह (टेक्टोनिक प्लेट) झुकी नजर आई थी। तब वैज्ञानिकों ने करीब एक माह तक साक्ष्य जुटाकर केंद्रीय भू-गर्भ मंत्रालय को रिपोर्ट भेजकर खतरे की आशंका जता दी थी। चार साल बाद वैज्ञानिक अब भूकंप का रहस्य उजागर करने में जुटे हैं। आईआईटी की टीम में शामिल अहमदाबाद के वैज्ञानिक डॉ. महेंद्र गड़वी ने बताया कि 2015 में भी वह सर्वे टीम का हिस्सा रहे थे। बैलपड़ाव के पास सेटेलाइट मैपिंग में जमीन की सतह झुकी दिखी थी। जमीन के अंदर की इंडियन प्लेटों के यूरोपियन प्लेटों से टकराने के चलते इंडियन प्लेट मुड़ने लगी थीं। इस आधार पर उत्तराखंड में बड़ा भूकंप आने और उसका केंद्र बैलपड़ाव में होने की आशंका है। केंद्रीय भू-गर्भ मंत्रालय ने इस शोध पत्र के आधार पर बैलपड़ाव नंदपुर गांव में भूकंप का साक्ष्य जुटाने को कहा है। डॉ. जावेद मलिक की अगुवाई वाली टीम में प्रोफेसर शांतिस्वरूप शाहू, अजहर, सिराज, मिट्ठू, इशांत, नयन शामिल हैं।
14 को नंदगांव में भूकंप पर वैज्ञानिकों की कॉन्फ्रेंस
रामनगर। वैज्ञानिकों ने बताया कि भूकंप की आशंकाओं पर नंदपुर गांव में 14 फरवरी को कांफ्रेंस होगी। 21 फरवरी को देश से और 25 को विदेशों से वैज्ञानिक नंदपुर गांव आकर स्थिति का अध्ययन करेंगे।