अनुबंध होने के बावजूद भी क्यों नहीं मिल रही रोडवेज को बसें! जानिए सच
उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) के लिए अब बसों का बेड़ा बढ़ाना चुनौती बन गया है। निगम ने अनुबंध पर 200 बसों के लिए निविदा निकाली थी। इसमें 70 बसों के लिए आवेदन आए हैं। घाटे के कारण निगम अनुबंधित बसों का...
उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) के लिए अब बसों का बेड़ा बढ़ाना चुनौती बन गया है। निगम ने अनुबंध पर 200 बसों के लिए निविदा निकाली थी। इसमें 70 बसों के लिए आवेदन आए हैं। घाटे के कारण निगम अनुबंधित बसों का भुगतान समय पर नहीं कर पाता है। यही कारण है कि बस मालिक अनुबंध पर बसें नहीं लगा रहे हैं। परिवहन निगम में 2016 से नई बसों की खरीद नहीं हो पाई है। तब से अनुबंध पर भी बसें नहीं ली गईं। निगम के बसों का बेड़ा 1500 से घटकर 1100 पर आ गया है। बसों की कमी के चलते कई रूटों पर सेवाएं कम हो गई हैं। बसों की कमी दूर करने के लिए निगम ने 200 बसों को अनुबंध पर लेने के लिए निविदा निकाली थी। निविदा जमा करने की तिथि 30 नवंबर तय थी। इसमें सिर्फ 40 बस मालिकों ने 70 बसें अनुबंध पर देने के लिए आवेदन किया है। 130 बसों के लिए किसी ने भी आवेदन नहीं किया। अब निगम दोबारा निविदा निकालने जा रहा है।
200 बसों को अनुबंध पर लेने के लिए निविदा निकाली गई। इसमें 70 बसों के लिए आवेदन आए हैं। शेष बसों के लिए दोबारा निविदा निकाली जाएगी। जिन बसों को अनुबंध पर लिया जाएगा, उनका भुगतान समय पर किया जाएगा। इसके लिए हम अलग अकाउंट बनाने की तैयारी भी कर रहे हैं।
दीपक जैन, महाप्रबंधक (संचालन), उत्तराखंड परिवहन निगम
परिवहन निगम पर 15 करोड़ रुपये का बकाया
परिवहन निगम में अभी करीब 300 बसें अनुबंध पर चल रही हैं, लेकिन बस मालिकों को समय पर भुगतान नहीं मिलता है। उनको भुगतान के लिए अफसरों की परिक्रमा करनी पड़ती है। मौजूदा समय में अनुबंधित बसों का करीब 15 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है। यही कारण है कि बस मालिक निगम में अनुबंध पर बस लगाने को इच्छुक नहीं है।