Good News: उपनल कर्मियों का मानदेय बढ़ा, तत्काल प्रभाव से लागू होंगी नई दरें
प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा उपनल कर्मचारियों को सरकार ने शुक्रवार को मानदेय बढोत्तरी का बड़ा तोहफा दिया। अकुशल से अधिकारी श्रेणी तक उपनल कर्मियों को हर महीने कैश इन हैंड के रूप में 1626 से 5935...

प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा उपनल कर्मचारियों को सरकार ने शुक्रवार को मानदेय बढोत्तरी का बड़ा तोहफा दिया। अकुशल से अधिकारी श्रेणी तक उपनल कर्मियों को हर महीने कैश इन हैंड के रूप में 1626 से 5935 रुपये ज्यादा मिलेंगे। सरकार ने उपनल कर्मियों की पांचों अलग अलग श्रेणियों में मानदेय को बढ़ा दिया है।
शुकवार शाम अपर मुख्य सचिव-सैनिक कल्याण राधा रतूड़ी ने उपनल कर्मियों के मानदेय बढोत्तरी का आदेश जारी किया। नई बढ़ी हुई दरें तत्काल प्रभाव से लागू होंगी। सरकार के फैसले से उपनल प्रबंधन और कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। उपनल एमडी ब्रिगेडियर (सेनि)पीपीएस पाहवा ने सीएम, एससीएस और वित्त सचिव का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मानदेय संशोधन के आदेश सभी विभागों को भी जारी किए जा रहे हैं।
मालूम हो कि पिछले नौ महीने से मानदेय को लेकर सैनिक कल्याण विभाग और उपनल प्रबंधन मशक्कत कर रहे थे। मालूम हो इससे पहले उपनल कर्मियों का मानदेय 10 मई 2018 को बढ़ाया गया था।
अकुशल 9,922 8,296 1,626
अर्द्धकुशल 11,330 9,458 1,872
कुशल 12,516 10,439 2,077
उच्च कुशल 13,859 11,548 2,311
अधिकारी 35,610 29,675 5,935
(नोट: यह राशि कर्मचारी को सभी कटौतियों के बाद हर माह मानदेय के रूप में मिलेगी।)
''उपनल कर्मियों के मानदेय संशोधन पर लंबे समय से मंथन चल रहा था। आज इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदीप सिंह रावत, अपर सचिव-सैनिक कल्याण ''
सीएम ने निभाया वादा, कर्मचारियों में खुशी का माहौल
देहरादून। उपनल कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नौ नवंबर 2019 को किया अपना वादा भी निभा दिया। सीएम ने राज्य स्थापना दिवस समारोह के दिन उपनल कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने का ऐलान किया था। अकुशल से अधिकारी स्तर तक पांच अलग अलग श्रेणियां होने की वजह से मानदेय बढ़ाने का फार्मूला तलाशना कुछ कठिन था।
लेकिन उपनल के एमडी ब्रिगेडियर (सेनि) पीपीएस पाहवा के नेतृत्व में उपनल की टीम ने तीन अलग अलग फार्मेट तैयार किए और सरकार को सौंपे। वित्त विभाग ने इन तीनों प्रस्तावों का अध्ययन करने के बाद सबसे उपयुक्त प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। करीब 20 फीसदी तक बढोत्तरी की गई है। सरकार के फैसले से उपनल कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। उपनल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दीपक सिंह चौहान और महामंत्री हेमंत रावत ने सरकार का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि उपनल कर्मचारी अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा के साथ निभाते हैं। किसी भी स्तर पर उपनल के आउटसोर्स कर्मचारी स्थायी कर्मचारियों से पीछे नहीं है। महासंघ के सलाहकार वितद्यासागर धस्माना ने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि कोरोना काल में सरकार का फैसला कर्मचारियों को निसंदेह कुछ राहत देगा। लेकिन, अब सरकार को हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार समान कार्य-समान वेतन और नियमितीकरण पर भी विचार करना चाहिए।
दूसरी तरफ,उत्तराखंड उपनल संविदा संघ के अध्यक्ष रमेश शर्मा और दून के जिलाध्यक्ष प्रमोद सिंह गुंसाई ने कहा कि आज का आदेश उपनल कर्मियों के संघर्ष की जीत है। सरकार अब नियमितीकरण के लिए नियमावली बनाएं और समान काम समान वेतन भी दे।
दुनिया जहान का काम और मानदेय मुट्ठी भर ही
देहरादून। राज्य और राज्य के बाहर सरकारी और सरकारी उपक्रमों में 20 हजार से लोग उपनल के मार्फत आउटसोर्स सेवाएं दे रहे हैं। राज्य के भीतर सरकारी और निगम परिषदों में 14 हजार के करीब कर्मचारी हैं। उपनल कर्मचारियों को सरकारी महकमों की रीढ़ माना जाता है।
कई विभागों में उपनल कर्मचारी संभाले हुए हैं। पावर कार्पोरेशन, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और विद्यालयी शिक्षा विभाग समेत तमाम विभागों में अधिकांश महत्वपूर्ण काम उपनल कर्मियों के जिम्मे ही हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम में भी उपनल कर्मचारी जान के जोखिम के साथ स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।
इसके बावजूद उनका मानदेय स्थायी कर्मचारियों के मुकाबले काफी कम है। महासंघ अध्यक्ष दीपक सिंह चौहान करते हैं कि वर्तमान महंगाई के दौरान में आम आदमी का जीना काफी मुश्किल है। पारिवारिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के बाद भविष्य की कोई सुरक्षा नहीं है।
