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Uttarakhand Political Crisis: सांसद अनिल बलूनी से मुलाकात कर जेपी नड्डा के घर में मिले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड के पिछले शनिवार से चल रहे सियासी हलचल पर सोमवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विचार-विर्मश किया। बैठक में संगठन महासचिव बीएल...

Uttarakhand Political Crisis: सांसद अनिल बलूनी से मुलाकात कर जेपी नड्डा के घर में मिले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनMon, 08 Mar 2021 10:20 PM
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उत्तराखंड के पिछले शनिवार से चल रहे सियासी हलचल पर सोमवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विचार-विर्मश किया। बैठक में संगठन महासचिव बीएल संतोष भी मौजूद रहे जबकि, दिल्ली से विशेषतौर से भेजे गए पर्यवेक्षक व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शनिवार को देहरादून में आयोजित कोर कमेटी की बैठक की रिपोर्ट सौंपी। सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड में असंतुष्ट भाजपा नेताओं, आपसी तालमेल की कमी सहित बेलगाम होती ब्यूरोक्रेसी सहित मंत्रिमंडल विस्तार में देरी बातों  को प्रमुखता से उजागर किया गया था। इसी रिपोर्ट के आधार पर ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र  सिंह रावत के भाग्य का फैसला होना है।

चौंकानें वाली बात है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सुबह से ही दावा कर रहे थे कि उनकी पार्टी हाईकमान के साथ मीटिंग है लेकिन उन्हें बैठक में मौजूद होने का कोई मौका नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार देर शाम राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के घर मुलाकात के लिए पहुंचे थे। करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठ में दोनों नेताओं ने उत्तराखंड में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल पर चर्चा की। बैठक के बाद सीएम भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर मुलाकात भी की। यहां, दोनों नेताओं ने उत्तराखंड में मचे सियासी भूचाल पर चर्चा की। सूत्र बताते हैं कि सीएम त्रिवेंद्र ने भाजपा विधायकों व सांसदों के साथ बेहतर तालमेल की बात की। कहा कि पार्टी में किसी तरह का कोई गतिरोध नहीं है। बता दें कि कि अगर पार्टी हाईकमान प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन करने का मन बनाता है तो राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी भी दौड़ में शामिल हैं। इसके अलावा, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के नाम पर भी मुहर लग सकती है। फिलहाल, नड्डा से बैठक के बाद वह नई दिल्ली में ही रात्रि विश्राम करेंगे और मंगलवार सुबह उत्तराखंड आएंगे।

सूत्रों की मानें तो मंगलवार शाम करीब पांच बजे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भाजपा विधानमंडल की बैठक सीएम आवास में बुलाई है। इसमें भाजपा के सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित निगमों के मेयर भी शामिल होंगे। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी में शनिवार को चले सियासी ड्रामे के बीच असंतुष्ट विधायकों को साधने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं भी तेज हुई हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अगर मंगलवार को भाजपा विधानमंडल की बैठक के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति जताते हैं तो ऐसे में असंतुष्टों को प्राथमिकता मिल सकती है, ताकि चुनावी साल में असंतोष खत्म किया जा सके। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल में तीन पद खाली हैं। हालांकि, हाईकमान ने फरवरी 2020 को ही मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी दे दी थी, और सरकार के तीन साल पूरे होने पर विस्तार तय माना जा रहा था, लेकिन इस बीच कोरोना महामारी के प्रकोप से इसे टाल दिया गया।

अब सरकार के चार साल के जश्न पर कुछ विधायकों को यह तोहफा मिलने की चर्चाएं हैं। माना जा रहा है कि भाजपा असंतुष्ट सीनियर विधायकों को कैबिनेट में जगह देकर गुस्सा शांत करने का प्रयास कर सकती है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पिथौरागढ़ जिले की चार में से तीन विस सीटें भाजपा के पास हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में किसी को स्थान नहीं मिला है। वरिष्ठता पर कुमाऊं मंडल में पूर्व मंत्री, पार्टी के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष व डीडीहाट विधायक विशन सिंह चुफाल, कपकोट(बागेश्वर) विधायक और पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, खटीमा के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं, लेकिन इनमें से किन्ही दो को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है वहीं, गढ़वाल मंडल से एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। इनमें बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान व हरिद्वार ग्रामीण के स्वामी यतीश्वरानंद के नाम शामिल हैं। 

देहरादून में ही हैं भाजपा के अधिकतर विधायक 
भाजपा के अधिकतर विधायक सोमवार को देहरादून में ही मौजूद नजर आए। कुछ का मूवमेंट सचिवालय में रहा, तो बाकि विधायक आवास अपने निवास में ही रहे। दिन भर मची सियासी हलचल के बावजूद विधायकों की मौजूदगी राजधानी क्षेत्र के आस पास ही रही। सोशल मीडिया में भले ही विधायकों की मौजूदगी को दिल्ली दिखाए जाने को लेकर अफवाहें उड़ती रही। हालांकि अधिकतर विधायक सियासी हलचल के बीच देहरादून में अपने कामकाज निपटाते नजर आए। कुमाऊं क्षेत्र के विधायकों की मौजूदगी देहरादून में ही दिखी। विधायक रामनगर दीवान सिंह बिष्ट और विधायक द्वाराहाट महेश नेगी सचिवालय में ही घूमते दिखे। सूत्रों की माने तो मंगलवार को देहरादून में होने वाली बैठक के लिए अधिकतर विधायक पहले से ही दून में मौजूद हैं। इस बैठक को भी बेहद अहम माना जा रहा है। हालांकि कुछ लोगों का तर्क है कि मंगलवार को होने वाली बैठक में 18 मार्च को सरकार के चार साल के कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा होगी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक ने करनी है। मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष कार्यक्रम की उपाध्यक्ष रहेंगे।

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