आसमान से ऐसे बरसी आफत, भारी बारिश से श्मशान घाटों में चिता जलाने को नहीं मिल रही जगह
उत्तराखंड में आसमान से आफत बरस रही है। भारी बारिश की वजह से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है तो दूसरी ओर, सड़कें और हाईवे बंद होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तराखंड में आसमान से आफत बरस रही है। भारी बारिश की वजह से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है तो दूसरी ओर, सड़कें और हाईवे बंद होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रुड़की के कृष्णानगर, राजेंद्र नगर, शास्त्री नगर, विनित नगर, शिवपुरम, समेलपुर राजपुतान, प्रेमनगर क्षेत्र के लोगों के लिए इस बार की बारिश आफत बनकर बरसी।
पचास हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र में चारों तरफ लंबे समय से जलभराव हो रखा है। पिछले एक सप्ताह से निगम द्वारा बिजली घर से पानी की निकासी की जा रही है। अब ये पानी तालाब से होते हुए आबादी क्षेत्र और श्मशान घाट परिसर में घुस गया है। श्मशान घाट परिसर में जलभराव के चलते चिता जलाने आने वाले लोगों को बैरंग लौटना पड़ रहा है।
श्मशान घाट में 15 दिन और कृष्णानगर आदि क्षेत्रों में 30 दिन से पानी भरा हुआ है। एक सप्ताह में सलेमपुर और प्रेमनगर श्मशान घाट पर लोग दो शव लेकर अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंचे। लेकिन श्मशान घाट परिसर में जलभराव की वजह से दोनों शवों को मालवीय चौक स्थित श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा।
पार्षद प्रतिनिधि संजय कश्यप ने बताया कि शव लेकर आए लोगों ने जलभराव देखकर काफी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वह घर से शव को कंधों पर लेकर यहां तक आए थे। अब मजबूरन गाड़ी कराकर शव को मालवीय चौक स्थित श्मशान घाट ले जाना पड़ा। स्थानीय निवासी संजय पुरी, गगन, उदय जैन, सुनील शर्मा, जितेंद्र सैनी आदि ने बताया कि इस संबंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को भी पत्र लिख चुक हैं।
जलभराव वाले इलाके से मोटर पंप की मदद से लगातार पानी की निकासी की जा रही है। इन क्षेत्रों का दौरा भी किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ताकि जल्द से जल्द पानी की निकासी की जा सके।
विजय नाथ शुक्ला, मुख्य नगर आयुक्त
