उत्तराखंड: माता सीता ने जहां ली थी भू-समाधि, वहां बनेगा भव्य मंदिर
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में सीता माता के भू समाधि लेने वाली जगह पर सीतोंस्यू में मंदिर एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी जगह पर सीता माता ने भू समाधि ली थी। इस मंदिर के...
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में सीता माता के भू समाधि लेने वाली जगह पर सीतोंस्यू में मंदिर एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी जगह पर सीता माता ने भू समाधि ली थी। इस मंदिर के निर्माण के लिए एक राज्यस्तरीय ट्रस्ट बनेगा, जिसके अध्यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत होंगे। सीतोंस्यू में सीता माता मंदिर बनाए जाने के सबंध में मंगलवार को आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह मंदिर धार्मिक संस्थाओं एवं जन सहयोग से बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मंदिर के लिए देवी सीता से जुड़े सभी स्थानों की शिला, मिट्टी एवं जल लाया जाएगा। इसके साथ ही उत्तराखंड के सभी 13 जिलों से कुछ लोगों की कमेटी बनाकर उत्तराखंड के मंदिरों की शिला एवं मिट्टी भी सीता माता मंदिर के लिए लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि सीतोंस्यू में जिस स्थान पर सीता माता ने समाधि ली थी, उस स्थान पर प्राचीन स्वरूप को वैसा ही रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि देवप्रयाग से मंदिर तक श्रद्धालुओं के लिए आवागमन हेतु उचित व्यवस्थाएं की जाएंगी। रावत ने कहा कि सीता माता मंदिर के समीप जटायु का मंदिर भी ऐसे स्थान पर बनाया जायेगा जहां से सीता माता मंदिर के दर्शन भी हो सकें।
यहां धरती से प्रकट हुई थीं माता सीता
जिला पर्यटन विकास अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि जिस जगह पर मंदिर बनेगा वह जिले के सीतोंस्यू इलाके के फलस्वारी गांव में स्थित है। उन्होंने कहा कि वहां पर एक सीता माता का छोटा सा मंदिर है लेकिन एक बड़ा और अच्छा मंदिर बनाया जाएगा। उसकी पौराणिक शैली और वास्तु से छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा लेकिन इसका विकास किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु यहां आ सकें। फलस्वारी गांव पौड़ी जिले से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थति है। यहां हर साल मई के महीने में एक तीन दिवसीय मेले का आयोजन होता है। यहां पर एक छोटा सा पहाड़ (रॉक) जमीन से निकला है, जिसकी पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि देवी सीता यहां धरती से प्रकट हुई हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रावत ने पिछले साल नवंबर में घोषणा की थी कि यहां पर माता सीता का एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए गांव के हर घर से 11 रुपए, मिट्टी और पत्थर लिए जाएंगे। रावत ने कहा था कि वे इसके लिए जल्द ही एक पदयात्रा निकालेंगे और गावं वालों से मिट्टी, पत्थर और रुपए लेकर मंदिर निर्माण कार्य को शुरू कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य के साधु-संत चाहे तो इसमें शामिल हो सकते हैं।