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अवैध निर्माण पर छूट मिलेगी

प्रदेश में लोगों को नक्शा स्वीकृत कराए बगैर या नक्शा से हटकर कराए गए निर्माण को वैध कराने का अंतिम मौका मिलने जा रहा है। इसके लिए आवास विभाग वन टाइम सेटलमेंट योजना लाने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद...

अवैध निर्माण पर छूट मिलेगी
लाइव हिन्दुस्तान, देहरादून | संजीव कंडवालFri, 30 Nov 2018 12:07 PM
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प्रदेश में लोगों को नक्शा स्वीकृत कराए बगैर या नक्शा से हटकर कराए गए निर्माण को वैध कराने का अंतिम मौका मिलने जा रहा है। इसके लिए आवास विभाग वन टाइम सेटलमेंट योजना लाने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद अवैध निर्माण पर दस गुना तक जुर्माना तय किया जा सकता है।  प्रदेश के ज्यादातर शहर अब विकास प्राधिकरणों के अधीन आ गए हैं। ऐसे में सभी जगह किसी भी तरह के भवन निर्माण के लिए संबंधित विकास प्राधिकरण से नक्शा मंजूर होना जरूरी है। लेकिन फिलहाल सभी प्राधिकरणों में बहुत कम नक्शे स्वीकृत हो रहे हैं। बड़े पैमाने पर प्लाटिंग भी बिना ले आउट स्वीकृत कराए हो रहीं हैं। इससे प्रदेश में हजारों की संख्या में आवासीय घरों से लेकर व्यावसायिक कॉम्पलेक्स तक तकनीकी तौर पर अवैध निर्माण की श्रेणी में आ गए हैं। इसलिए आवास विभाग इसके लिए प्रदेश स्तरीय वन टाइम सेटलमेंट योजना ला रही है। अब तक प्राधिकरण अपने स्तर पर ही ऐसी योजना लाते थे। खास बात यह है कि यह वन टाइम सेटलमेंट का अंतिम मौका होगा, इसके बाद सरकार नक्शे की अनिवार्यता को बढ़ावा देने के लिए अवैध निर्माण पर दस गुना तक जुर्माना लगाने का प्रावधान कर सकती है।  सचिव आवास नितेश झा ने आवास विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर इस बारे में आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। साथ ही योजना की बारीकियां तय करने के लिए एमडीडीए वीसी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है।  सूत्रों के अनुसार आगामी कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जा सकता है। 

हजारों की संख्या में अवैध निर्माण 
नक्शा के विपरीत निर्माण की शिकायत पर अकेले एमडीडीए में ही चार हजार से अधिक केस चल रहे हैं। इसमें पिछले दिनों अतिक्रमण अभियान के दौरान अच्छी खासी तेजी आई है। इसी तरह अन्य शहरों में भी अवैध निर्माण की जद में हजारों निर्माण आ रहे हैं। विभाग का आकलन के अनुसार ऐसे निर्माण की संख्या 30 हजार के आस पास हो सकती है। 

अस्पतालों को भी राहत 
क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू होने के बाद अस्पतालों के भवन मानक भी काफी सख्त हो गए हैं। इस कारण कई पुराने अस्पतालों पर सीलिंग की तलवार लटक गई है। मौजूदा नियमों के अनुसार ऐसे पुराने भवनों को कम्पाउंड करने में भी मुश्किल हे। इसलिए प्रस्तावित वन टाइम सेटलमेंट स्कीम में अस्पतालों को भी शामिल किया जा सकता है।

बिल्डिंग बायलॉज में मिल सकती है छूट 
शहरों में जमीन की बेतहाशा कीमतों को देखते हुए सरकार बिल्डिंग बायलॉज में भी बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत भवनों की ऊंचाई, सड़क की चौड़ाई, सेटबैक, पार्किंग के मानकों में ढील दी जा सकती है। 

लोगों की व्यावहारिक समस्या को देखते हुए जल्द ही प्रदेश भर में वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाई जा रही है। अगले कुछ दिन में ही इसकी विधिवत घोषणा कर दी जाएगी। साथ ही लोग नक्शा पास करवा कर ही भविष्य में निर्माण करायें, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। 
मदन कौशिक, शहरी आवास मंत्री  

 

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