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उत्तराखंड चार धाम यात्रा: गंगोत्री धाम के बंद हुए कपाट, केदारनाथ-बदरीनाथ और यमुनोत्री में कब तक दर्शन

गंगोत्री धाम के कपाट मंगलवार को अन्नकूट पर्व पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ 11 बजकर 45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। केदारनाथ, बदरीनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने का भी ऐलान हो चुका है।

उत्तराखंड चार धाम यात्रा: गंगोत्री धाम के बंद हुए कपाट, केदारनाथ-बदरीनाथ और यमुनोत्री में कब तक दर्शन
Himanshu Kumar Lallउत्तरकाशी, हिन्दुस्तानTue, 14 Nov 2023 12:21 PM
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उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 पर अपडेट है। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट मंगलवार को अन्नकूट पर्व पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ 11 बजकर 45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।  इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन पड़ाव मुखीमठ मुखबा के लिए रवाना हुई।

डोली बुधवार को मुखबा पहुंचेगी। अब श्रद्धालु आगामी छह माह तक मुखीमठ  में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे। मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तैयारी सुबह 8 बजकर 30 पर शुरू हुई। सर्व प्रथम उदय बेला पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। इस बीच श्रद्धालुओं ने मां के भोग मूर्ति के दर्शन किए।

इसके बाद अमृत बेला स्वाती नक्षत्र प्रीतियोग शुभ लग्न पर ठीक  11.45 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद किए गए। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी का पाठ किया। डोली में सवार होकर गंगा की भोगमूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकली तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।

नवीं बिहार रेजिमेंट के बैंड की धुन और परंपरागत ढोल दमाऊ की थाप के साथ 11. 50 पर तीर्थ पुरोहित गंगा की डोली को लेकर शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए पैदल रवाना हुए। रात्रि विश्राम के लिए गंगा की डोली मुखबा से चार किमी पहले चंदोमति के देवी के मंदिर में पहुंचेगी।

15 नवंबर की सुबह मां गंगा की डोली चंदोमती माता मंदिर से मुखीमठ स्थित गंगा मंदिर में पहुंचेगी। जहां आगामी छह माह तक मां गंगा की विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी।  इस मौके पर नगर पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल, सुरेश सेमवाल, राजेश सेमवाल सहित तीर्थ पुरोहित एवं देश.विदेश के सैंकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

केदारनाथ-यमुनोत्री के कपाट इस दिन होंगे बंद
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख का भी ऐलान हो चुका है। भैया दूज के अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट 15 नवंबर को बंद होंगे। बुधवार सुबह से ही कपाट बंद होने की तैयारी शुरू कर ली जाएगी, जबकि तीर्थ-पुरोहितों की मौजूदगी में सुबह 8 बजकर 35 मिनट में बंद होंगे। जबकि, उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट भी 15 नवंबर को बंद होंगे।    

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने का भी हो चुका ऐलान
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की तारीख भी तय हो चुकी है। बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को शीतकालीन के लिए बंद कर दिए जाएंगे। तीर्थ-पुरोहितों की मौजूदगी में दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर कपाट को शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा।

विदित हो कि बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को दर्शनार्थ खोले गए थे। आपको बता दें कि हर साल अप्रैल-मई में चारों धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं, और अक्तूबर-नवंबर महीने में कपाट को शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाता है।

चार धाम यात्रा में टूटा तीर्थ यात्रियों के दर्शन करने का रिकार्ड
चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों के दर्शन करने का इस साल नया रिकॉर्ड बना है। दिल्ली, यूपी, एमपी, राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों से केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री सहित चारों धामों में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की भीड़ रही। इस साल 2023 में चारों धामों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 55 लाख के पार पहुंच गई।

तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ यात्रा रूट पर ऑल वेदर रोड भी एक वजह हो सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ऑल वेदर रोड की आधारशिला 27 दिसंबर 2016 को रखी थी। सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार की ओर से भी यात्रा पर विशेष फोकस रहा था। यात्रा रूट पर यात्रियों के लिए सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य आदि बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया था।  

चार धाम यात्रा के तीन साल: 
2021              5.18 लाख (कोविड से बाधित)
2022              46.27 लाख 
2023             53.12लाख (01 नवंबर तक )

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