स्वास्थ्य पर रहेगा जोर
सरकार ने पिछले वर्ष स्वास्थ्य विभाग का लगभग 1900 करोड़ का बजट रखा था। इस बार कोविड के मद्देनजर इसमें ठीकठाक इजाफा होना तय है। हालांकि, कोविड काल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कदम उठाए गए। राज्य के हर व्यक्ति को पांच लाख तक का फ्री इलाज सरकार रही है, लिहाजा अब अस्पतालों को सुदृढ़ करने और आईपीएचएस के मानक के अनुसार पदों की संख्या बढ़ा सकती है। इससे स्वास्थ्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
अल्पसंख्यक कर्मचारियों को राहत
सरकार किसानों और महिला समूहों की तर्ज पर अल्प संख्यक कर्मचारियों को कम ब्याज दर पर ऋण देने की सुविधा दे सकती है। न्यूनतम यह राशि सात से दस लाख रुपये तक हो सकती है। मौजूदा समय में विभिन्न बैंकों में व्यक्तिगत ऋण पर 12 फीसदी से अधिक ब्याज है। अल्प संख्यक कर्मचारियों को राहत देने के लिए सरकार आठ फीसदी ब्याज पर ऋण की सुविधा उपलब्ध करा सकती है।
20 हजार लीटर पानी कर सकती है फ्री
पेयजल उपभोक्ताओं को बजट में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार प्रतिमाह 20 हजार लीटर पानी फ्री करने की महत्वकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इसके लिए बाकायदा मंत्रिमंडल की उप समिति का गठन हुआ है। डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार एक व्यक्ति को प्रति दिन 155 लीटर पानी उपलब्ध होना चाहिए। यह सरकार की सबसे बड़ी लोक लुभावन योजना हो सकती है।
कृषि-बागवानी को मिल सकती है प्राथमिकता
कृषि व बागवानी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का सबसे अहम सेक्टर है। इस सेक्टर के जरिए स्व रोजगार के मौके उपलब्ध कराने की लिए सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। बजट में इन दोनों सेक्टरों के लिए खास होने की चर्चाएं भी हैं।