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Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Tiger dragged husband in front of wife dead body found after firing 25 rounds in 2 hours firing

पत्नी के सामने पति को खींच ले गया बाघ, 2 घंटे फायरिंग में 25 राउंड फायर के बाद मिला शव

सुरई वन रेंज में रविवार दोपहर लकड़ी बीनने गए एक पति उसकी पत्नी और दो अन्य साथियों के बीच से बाघ खींचकर ले गया। वन विभाग की टीम को दो घंटे तलाशने के बाद ग्रामीण को खाता हुआ बाघ दिखाई दिया।

प्रवीण कोहली, खटीमा।  Mon, 28 Aug 2023 10:24 AM
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सुरई वन रेंज में रविवार दोपहर लकड़ी बीनने गए एक पति उसकी पत्नी और दो अन्य साथियों के बीच से बाघ खींचकर ले गया। वन विभाग की टीम को दो घंटे तलाशने के बाद ग्रामीण को खाता हुआ बाघ दिखाई दिया। जिसके बाद वन विभाग ने 25 राउंड फायर करने पड़े, तब जाकर बाघ ग्रामीण का क्षत-विक्षत शव छोड़कर भागा।

जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर करीब बारह बजे हरनंदन पुत्र मूलचंद (52 वर्ष), निवासी महोफ थाना हुसैनपुर न्यूरिया पत्नी नन्नी देवी और दो अन्य लोगों के साथ खटीमा की सुरई रेंज में कक्ष संख्या 47 बी बीट पंचम में लकड़ी बीन रहा था। इसी बीच एक बाघ हमला कर हरनंदन को जंगल में खीच ले गया।

उसकी पत्नी नन्ही देवी जंगल से गांव की ओर चीखती हुई दौड़ पड़ी और सूचना वन विभाग को दी। रेंज अधिकारी आर एस मनराल के नेतृत्व में वन विभाग की टीम को करीब दो घंटे बाद जंगल के 200 मीटर अंदर बाघ हरनंदन की लाश के पास नजर आया।

दो घंटे फायरिंग में 25 राउंड फायर, बाघ से छुड़ाने की कोशिश
सुरई रेंज में अपनी पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ झाड़ू की सीक बीनने आए मजदूर को बाघ ने हमला कर मार दिया। मजदूर के शव को बाघ से छुड़ाने में वन कर्मियों को दो घंटे का समय लगा। वन कर्मियों ने दो घंटे में बख्तरबंद ट्रैक्टर से 25 राउंड फायरिंग की तब जाकर मजदूर का शव छोड़कर बाघ मौके से हटा। 
रविवार को जंगल में सीक बीनने गए मजदूर को बाघ ने हमला कर मार दिया।

मजदूर की पहचान हरिनंद निवासी ग्राम महोफ थाना हुसैनपुर न्यूरिया जनपद पीलीभीत उत्तर प्रदेश के रूप में हुई। मजदूर अपनी पत्नी व दो अन्य साथियों के साथ जंगल में आया था। जिस समय यह सब लोग सीक निकाल रहे थे। उस दौरान बाघ ने पीछे से हमला कर हरिनंद को अपने जबड़े में दबोचा और जंगल की ओर खींचकर ले गया।

सूचना पर पहुंचे वन कर्मियों ने 25 राउंड फायरिंग कर शव को बाघ के कब्जे से छुड़ाया। शव छुड़ाने के लिए दो घंटे तक अभियान चलाया गया। रेंजर आरएस मनराल बख्तरबंद ट्रैक्टर और भारी संख्या में वनकर्मियों को लेकर मौके पर पहुंचे थे।  यह पहली घटना नहीं है जब वन कर्मियों को बाघ से शव छुड़ाने के लिए मसक्कत न करनी पड़ी हो। हल्दीघेरा निवासी केवल सिंह जो कि जंगल में घास लेने गया था। उसपर बाघ ने हमला कर दिया था।

केवल के शव को छुड़ाने के लिए भी वन कर्मियों को 14 राउंड फायरिंग करनी पड़ी थी। जिसमें तीन घंटे का समय वन कर्मियों को लगा था। उस दौरान भी बाघ शव को छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था। बख्तरबंद ट्रैक्टर में आए वन कर्मियों ने लगातर फायरिंग की तब जाकर बाघ ने शव छोड़ा था। अगर यह वहीं बाघ है तो यह बाघ बहुत विशालकाय है। जिसके एक ही वार में इंसान के बचने के कोई चांस नहीं रहते, हांलाकि राहत की बात यह है कि इस बाघ ने आज तक गांव में आकर कभी हमला नहीं किया है।

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