अशासकीय स्कूलों में होने वाला यह बदलाव, छात्रों-शिक्षकों को फायदा या नुकसान
सूत्रों के अनुसार टोकन अनुदान में संशोधन की प्रक्रिया पिछले काफी समय से चल रही है। शासन के निर्देश पर शिक्षा निदेशालय ने इसका नया फार्मूला तय किया था। इस फार्मूले पर शासन ने भी सहमति जता दी है।
राज्य के अशासकीय स्कूलों के टोकन अनुदान में जल्द बढ़ोतरी होगी। शिक्षा विभाग ने टोकन अनुदान में इजाफे का खाका तैयार कर लिया। इसके प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जा रहा है। इस प्रस्ताव को लागू होने पर अशासकीय स्कूलों को छात्र संख्या और शैक्षिक रिजल्ट के आधार पर सालाना अनुदान मिलेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जनवरी 2017 में सरकार ने नए अशासकीय स्कूलों के लिए पूर्ण अनुदान की व्यवस्था खत्म करते हुए टोकन अनुदान लागू कर दिया था। इसके तहत सभी शिक्षक-कर्मचारियों के वेतनभत्तों का खर्च उठाने के बजाए सरकार एक तय राशि स्कूलों को देती है।
सूत्रों के अनुसार टोकन अनुदान में संशोधन की प्रक्रिया पिछले काफी समय से चल रही है। शासन के निर्देश पर शिक्षा निदेशालय ने इसका नया फार्मूला तय किया था। इस फार्मूले पर शासन ने भी सहमति जता दी है। सूत्रों के अनुसार इस फार्मूले के तहत स्कूलों की अनुदान राशि को कक्षा छह से आठवीं तक प्रति छात्र दो हजार अथवा एकमुश्त दो लाख रूपये सालाना को बढ़ाकर तीन हजार और एकमुश्त तीन लाख रुपये करने की संस्तुति की गई है।
हाईस्कूल में प्रति छात्र दो हजार या सालाना तीन लाख को बढ़ाकर तीन हजार और 4.5 लाख रुपये, इंटर में प्रति छात्र दो हजार या कुल चार लाख रुपये को बढ़ाकर प्रति छात्र तीन हजार या सालाना छह लाख रुपये बढ़ाने की संस्तुति की गई है। संपर्क करने पर डीजी-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बताया कि प्रस्ताव पर लंबे समय से कसरत की जा रही है। जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
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