ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंडतबादलों पर सुगम के शिक्षकों ने खोला मोर्चा

तबादलों पर सुगम के शिक्षकों ने खोला मोर्चा

तबादलों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ में घमासान तेज हो गया। सोमवार को देहरादून, हरिद्वार और यूएसनगर के शिक्षकों ने एक साथ आते हुए अनिवार्य तबादलों की जगह केवल अनुरोध के आधार पर तबादलों की पैरवी शुरू कर...

तबादलों पर सुगम के शिक्षकों ने खोला मोर्चा
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनTue, 11 Jun 2019 12:16 PM
ऐप पर पढ़ें

तबादलों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ में घमासान तेज हो गया। सोमवार को देहरादून, हरिद्वार और यूएसनगर के शिक्षकों ने एक साथ आते हुए अनिवार्य तबादलों की जगह केवल अनुरोध के आधार पर तबादलों की पैरवी शुरू कर दी।  सोमवार को तीनों जिलों के पदाधिकारियों ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर को ज्ञापन देकर देश नई प्रस्तावित शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों को उनके घरों के निकट रहने की सुविधा देने की भी मांग की।  दोपहर हरिद्वार के जिलाध्यक्ष उत्तम शर्मा, महामंत्री रविंद्र रोढ, देहरादून जिलाध्यक्ष सुभाष झल्डियाल, यूएस नगर के जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा के साथ नीरज चौहान, अनिल गौड़, नवीन सैनी आदि ने शिक्षा निदेशालय में निदेशक से मुलाकात की। शिक्षकों ने कहा कि तबादले केवल रिक्त पदों के 10 प्रतिशत ही होने चाहिएं। यदि दुर्गम में रहने के इच्छुक शिक्षकों को छूट दी जाती है तो उसी प्रकार सुगम से दुर्गम में वाले शिक्षकों को भी दी जाए। सरकार ने रिक्त पद के बजाए पात्रता के आधार पर तबादले की नई व्यवस्था की है। इसके अनुसार नए शिक्षकों के नाम भी जोडे़ जाने लगे हैं। यह गलत है। वर्तमान में स्कूलों में छुट्टियां होने की वजह से शिक्षकों को आवेदन करना और विकल्प भरना काफी मुश्किल होगा। कुंवर ने शिक्षकों को नियमानुसार उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

 

मुश्किल में शिक्षक संघ
सुगम जिलों के शिक्षकों के तबादला प्रक्रिया के खिलाफ हो जाने से राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय नेतृत्व के सामने संकट पैदा हो गया है। शिक्षक संघ शुरू से ही शत प्रतिशत तबादलों की मांग कर रहा है। जबकि सुगम के शिक्षकों ने केवल रिक्तियों के 10 फीसदी तबादलों की पैरवी शुरू कर दी। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि तबादला शिक्षकों का सबसे गंभीर मुद्दा है। ऐसे में संघ की लाइन से अलग हटकर काम करने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।

 

वर्ष 2018 के कोटिकरण में कई गलतियां हैं। करीब 600 आपत्तियां हैं। इन्हें ठीक किए बिना तबादला करना नाइंसाफी होगा। यदि जबरन तबादले थोपे गए तो शिक्षक हाईकेार्ट में इसके खिलाफ अपील करेंगे।
रविंद्र रोढ़, जिला महामंत्री- हरिद्वार, राजकीय शिक्षक संघ  
 

 
हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें