कोरोना इफेक्ट: शुगर-बीपी के मरीजों की टूट रही सांसों की डोर, 200 संक्रमित तोड़ चुके हैं दम
कोरोना काल में डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों पर कोरोना कहर बरपा रहा है। दून मेडिकल कॉलेज में अभी तक 38 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इनमें 60 फ़ीसदी यानी 21 लोगों को डायबिटीज की...
कोरोना काल में डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों पर कोरोना कहर बरपा रहा है। दून मेडिकल कॉलेज में अभी तक 38 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इनमें 60 फ़ीसदी यानी 21 लोगों को डायबिटीज की बीमारी थी।
वहीं इनमें से 10 लोग हाई ब्लड प्रेशर के भी शिकार थे। दून अस्पताल में किए गए डेथ ऑडिट में यह तस्वीर सामने आई है । इसके अलावा किडनी, लीवर, दिल के मरीजों को भी कोरोना ने अपना निशाना बनाया है।
प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सयाना, डिप्टी एमएस डॉक्टर एनएस खत्री के मुताबिक हर मौत का डेथ ऑडिट किया जा रहा है। सामने आने वाले तथ्यों से विशेषज्ञ डॉक्टर अन्य मरीजों के उपचार में मदद ले रहे है और इस पर शोध कर रहे है।
50 से कम उम्र के भी 9 मरीज
जिन 38 लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हुई है ।उनमें से 29 लोग 50 वर्ष की उम्र से अधिक के थे। वही 9 लोग ऐसे थे जिनकी उम्र 50 साल से नीचे थी। 26 ऐसे मरीज की मौत हुई जो दूसरे अस्पताल से रेफर होकर आए वह विभिन्न बीमारियों को लेकर वहां भर्ती थे कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें दून अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पतालों के तत्काल भेज देने एवं उसे स्टेबल भी नहीं किये जाने से सिस्टम की किरकिरी हुई।
राज्य में कोरोना काल के 23 वें सप्ताह में कुल 2626 नए मरीज मिले हैं। इस दौरान 2373 मरीज ठीक होने के बाद अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए। जबकि 44 मरीजों की कोरोना संक्रमण के बाद मौत हुई है। ये तीनों ही आंकड़े इससे पहले के 22 सप्ताहों से ज्यादा हैं। राज्य में अभी तक कुल दो लाख 81 हजार से अधिक लोगों की जांच हो चुकी है। हालांकि इस सप्ताह पिछले सप्ताह के मुकाबले कुछ कम टेस्ट हुए हैं। जिसका प्रमुख कारण इस सप्ताह हल्द्वानी के साथ ही दून मेडिकल कॉलेज की लैब में संक्रमण फैलना एक प्रमुख कारण रहा है। राज्य में अभी तक कोरोना संक्रमण के बाद मरने वाले मरीजों की कुल संख्या 200 हो गई है।