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हेमकुंड आने वाले यात्रियों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं, फूलों की घाटी की ब्रांडिंग करेगी सरकार

मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने हवाई मार्ग से घांगरिया पहुंचकर श्री हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के दर्शन कर मनौतियां मांगी। अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत हेमकुंड की यात्रा में आये उत्पल कुमार ने...

हेमकुंड आने वाले यात्रियों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं, फूलों की घाटी की ब्रांडिंग करेगी सरकार
लाइव हिन्दुस्तान टीम,जोशीमठMon, 10 Sep 2018 01:04 PM
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मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने हवाई मार्ग से घांगरिया पहुंचकर श्री हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के दर्शन कर मनौतियां मांगी। अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत हेमकुंड की यात्रा में आये उत्पल कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार हेमकुंड आने वाले यात्रियों को सुविधा देने के लिए संकल्पित है। कहा कि फूलों की घाटी के व्यापक प्रचार एवं यहां अधिक से अधिक संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने पर भी सरकार विचार कर रही है।

मुख्य सचिव ने पिछले पांच वर्षों से लंबित घांगरिया हेमकुंड रोपवे के कार्य के अभी तक शुरू नहीं होने पर चिन्ता जताई । कहा कि यदि यह  रोपवे बन जाता है तो हेमकुंड की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को सहुलियत होगी। कहा कि लंबे समय से अटलाकोटी के निकट प्रस्तावित हेलीपेड भी सामरिक दृष्टि से बनाया जाना आवश्यक है यदि यह हेलीपैड बन जाता है तो रेस्क्यू व वीवीआईपी मूवमेंंट में सुविधा होगी। मुख्य सचिव ने वन विभाग को जल्द इन दोनों प्रोजेक्ट हेतु वन क्लियरेंस की पत्रावली उनके कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए।

नहीं कर सके फूलों की घाटी का दीदार
मुख्य सचिव ने शनिवार को हेमकुंड के दर्शन के बाद रात्री विश्राम घांगरिया में किया। रविवार को उन्होंने फूलों की घाटी के दीदार करने थे। एसडीएम योगेन्द्र सिंह ने बताया कि आवश्यक प्रशासनिक कार्य के कारण वे फूलों की घाटी नहीं जा सके व रविवार की प्रात: साढ़े नौ बजे वे हवाई मार्ग से देहरादून लौट गए। लेकिन उनके साथ आये विशेषज्ञ फूलों की घाटी गए ताकि पर्यटन बढ़ाने के लिए किस प्रकार सरकार निवेश कर सकती है इसकी जानकारी प्राप्त हो सके। इस अवसर पर जिलाधिकारी स्वाती एस भदौरिया, एसडीएम योगेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे।

मुख्य सचिव से मांगा भूमि का मालिकाना हक
घांगरिया में स्थानीय लोगों ने मुख्य सचिव से कहा कि उन्होंने दशकों पहले वन भूमि में अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान बना रखे हैं व आपदा के बाद ये होटल, लाज व दुकानें ही उनकी आजीविका का एकमात्र साधन हैं इसलिए अब उन्हें इन भूमि का मालिकाना हक मिल जाना चाहिए। जिस पर मुख्य सचिव ने डीएम से वन विभाग के साथ मिलकर वन अधिनियम के तहत इनके नियमितिकरण की पत्रावली उनके कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए।   मुख्य सचिव ने घांगरिया में हुए भारी निर्माण पर चिन्ता जताई। कहा कि धार्मिक पर्यटन के लिए आवश्यक सुविधायें जुटाने सहित लेकिन प्रकृति से छेड़छाड़ गलत।

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