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छात्रवृत्ति घोटाला: तीन कॉलेजों से 26 छात्रों ने बनवाई फर्जी मार्कशीट

छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने काशीपुर के तीन इंटर कॉलेजों में संदिग्ध 26 छात्र-छात्राओं के दस्तावेजों की पड़ताल की। इस दौरान सभी छात्रों की मार्कशीट फर्जी पायी गई। यही नहीं इन संदिग्धों...

छात्रवृत्ति घोटाला: तीन कॉलेजों से 26 छात्रों ने बनवाई फर्जी मार्कशीट
हिन्दुस्तान टीम, काशीपुर Sat, 13 Feb 2021 12:35 PM
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छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने काशीपुर के तीन इंटर कॉलेजों में संदिग्ध 26 छात्र-छात्राओं के दस्तावेजों की पड़ताल की। इस दौरान सभी छात्रों की मार्कशीट फर्जी पायी गई। यही नहीं इन संदिग्धों के समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति लेते वक्त दर्ज कराए गए नाम और पते भी गलत मिले। एसआईटी का मानना है कि काल्पनिक नाम और पते से ही छात्रवृत्ति हड़पी गई होगी। एसआईटी के जांच अधिकारी श्यामलाल विश्वकर्मा दो दिन पहले छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए काशीपुर पहुंचे थे। उन्होंने गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज, उदयराज हिंदू इंटर कॉलेज और जीजीआईसी काशीपुर की प्रधानाचार्य को समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति लेने वाले 26 छात्र-छात्राओं की सूची सौंपी थी।

उन्होंने छात्रवृत्ति लेने वाले इन सभी छात्रों की मार्कशीट का वैरिफिकेशन कराया था। इस दौरान जांच में सभी की मार्कशीट फर्जी पाई गई हैं।  विश्वकर्मा के अनुसार तीनों इंटर कॉलेजों से प्राप्त रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि छात्र घोटाले में शामिल संदिग्ध नाम के छात्र कभी उनके स्कूलों में पढ़े ही नहीं हैं। यही नहीं मार्कशीट का जो अनुक्रमांक छात्रवृत्ति लेने के लिए दर्शाया गया है वह भी पूरी तरह फर्जी निकला। उन्होंने बताया है कि गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज के नाम से 17,  जीजीआईसी काशीपुर से पांच और उदयराज हिंदू इंटर कॉलेज के नाम से चार फर्जी मार्कशीट बनाई गई हैं।

2001 से लेकर 2006 तक की बनवाई हैं मार्कशीट
गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक ने बताया कि एसआईटी ने उन्हें 17 छात्रों की सूची सौंपी थी। इस दौरान उन्होंने कॉलेज के रिकॉर्ड चेक किए तो सभी मार्कशीट फर्जी निकली। प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक ने बताया कि छात्रवृत्ति हड़पने के लिए जो मार्कशीट बनाई गई हैं वे सभी साल 2001 से लेकर 2006 के बीच की हैं। उन्होंने बताया कि जिन छात्रों के लिस्ट में नाम बताए गए हैं ऐसा कोई छात्र उनके कॉलेज में पढ़ा ही नहीं है।

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