पछुवादून का देश के लिए अहम योगदान
पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर हुए आतंकी हमले के बाद से देश के अंदर लोगों में आक्रोश भरा हुआ था। लगातार आम जनमानस पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ हमले में मारे गये शहीदों का बदला लेने के लिए सरकार से...
लाइव हिन्दुस्तान टीम, विकासनगर Wed, 27 Feb 2019 06:04 PM
ऐप पर पढ़ें
पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर हुए आतंकी हमले के बाद से देश के अंदर लोगों में आक्रोश भरा हुआ था। लगातार आम जनमानस पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ हमले में मारे गये शहीदों का बदला लेने के लिए सरकार से मांग कर रहा है। ऐसे समय में भारत सरकार ने पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर किये गये हमले को देश के पूर्व सैनिकों ने उचित कार्रवाई बताया। भारत के पूर्व सैनिकों ने भारत सरकार की कार्रवाई को उचित कदम बताते हुए कहा कि पाकिस्तान और आतंकियों को सबक सिखाना जरूरी है।
मेरे बाद मेरा बेटा सीमा पर तैनात
1962 में चीन, 1965 व 1971 में कठिन परिस्थितियों व संसाधनों की कमी के बावजूद हमने दुस्मनों के साथ युद्ध लड़ा। हमारे पास हौसला था और दुस्मनों को हराने का जब्जा था। तब युद्ध के दौरान सोचते थे कि खुद के मरने से पहले सौ दुस्मनों को मारकर ही दम लेंगे।जिसकी बदौलत हमने पाकिस्तान को बुरी तरह से पराजित कर उसके सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया। लेकिन उसके बावजूद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया। उसे सबक सिखाना जरुरी है। मेरा बेटा गोरखा रेजीमेंट में हवलदार के पद पर तैनात है। वर्तमान में वह रजौरी में तैनात है। मुझे गर्व है मेरे बाद मेरा बेटा देश की सेवा कर रहा है।
1962 में चीन, 1965 व 1971 में कठिन परिस्थितियों व संसाधनों की कमी के बावजूद हमने दुस्मनों के साथ युद्ध लड़ा। हमारे पास हौसला था और दुस्मनों को हराने का जब्जा था। तब युद्ध के दौरान सोचते थे कि खुद के मरने से पहले सौ दुस्मनों को मारकर ही दम लेंगे।जिसकी बदौलत हमने पाकिस्तान को बुरी तरह से पराजित कर उसके सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया। लेकिन उसके बावजूद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया। उसे सबक सिखाना जरुरी है। मेरा बेटा गोरखा रेजीमेंट में हवलदार के पद पर तैनात है। वर्तमान में वह रजौरी में तैनात है। मुझे गर्व है मेरे बाद मेरा बेटा देश की सेवा कर रहा है।
कैप्टन टेक बहादुर, निवासी रसूलपुर विकासनगर
हमारे दोनों बेटे सीमा पर देश की सुरक्षा को तैनात
तहसील क्षेत्र के जमनीपुर गांव निवासी गोपीचंद और उनकी पत्नी बाला देवी का कहना है कि पुलवामा में पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने भारतीय सैनिकों पर जिस तरह हमला किया है। उसका बदला लिया जाना जरुरी हैं। कहा कि उनके दो बेटे महर रेजीमेंट में हैं। दोनों बेटे प्रदीप उरी में और प्रवीन कुमार अनंतनाग में तैनात है। दोनों देश के शहीद सैनिकों का बदला लेने के लिए तैयार बैठे हैं। कहा कि पाकिस्तान व आतंकवादियों को सबक सिखाया ही जाना चाहिए। कहा कि रोज रोज की छदम युद्ध से अच्छा होगा कि एक बार आरपार की लड़ाई लड़कर पाकिस्तान व आतंकियों को हमेशा के लिए सबक सिखाया जाना चाहिए। जिससे पाकिस्तान व आतंकियों कुदृष्टी हमेशा के लिए हमारे देश से हट जाय। कहा कि इसका हमेशा के लिए समाधान होना चाहिए। देश के दुस्मनों से लोहा लेने के लिए तैयार हमारे दोनों बेटों पर हमे नाज हैं कि वह देश के दुस्मनों को सबक सिखाकर लौटेंगे।
तहसील क्षेत्र के जमनीपुर गांव निवासी गोपीचंद और उनकी पत्नी बाला देवी का कहना है कि पुलवामा में पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने भारतीय सैनिकों पर जिस तरह हमला किया है। उसका बदला लिया जाना जरुरी हैं। कहा कि उनके दो बेटे महर रेजीमेंट में हैं। दोनों बेटे प्रदीप उरी में और प्रवीन कुमार अनंतनाग में तैनात है। दोनों देश के शहीद सैनिकों का बदला लेने के लिए तैयार बैठे हैं। कहा कि पाकिस्तान व आतंकवादियों को सबक सिखाया ही जाना चाहिए। कहा कि रोज रोज की छदम युद्ध से अच्छा होगा कि एक बार आरपार की लड़ाई लड़कर पाकिस्तान व आतंकियों को हमेशा के लिए सबक सिखाया जाना चाहिए। जिससे पाकिस्तान व आतंकियों कुदृष्टी हमेशा के लिए हमारे देश से हट जाय। कहा कि इसका हमेशा के लिए समाधान होना चाहिए। देश के दुस्मनों से लोहा लेने के लिए तैयार हमारे दोनों बेटों पर हमे नाज हैं कि वह देश के दुस्मनों को सबक सिखाकर लौटेंगे।