उत्तराखंड में काली नदी के रास्ते नेपाल में हो रही तस्करी, जानें नेपाल में भारत की सामग्रियों की डिमांड व दाम
कोरोना के कहर के बाद से अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे नेपाल के गांवों में आवश्यक वस्तुओं का संकट बढ़ गया है। भारत और नेपाल के बीच काली नदी पर बने झूलापुलों में ताला पड़ा है। ऐसे में काली नदी को ट्यूब...
कोरोना के कहर के बाद से अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे नेपाल के गांवों में आवश्यक वस्तुओं का संकट बढ़ गया है। भारत और नेपाल के बीच काली नदी पर बने झूलापुलों में ताला पड़ा है।
ऐसे में काली नदी को ट्यूब के सहारे पार कर बड़ी मात्रा में भारत से नेपाल के इन गांवों को खाद्य तेल, नमक, चीनी व अन्य घरेलू उपयोग की वस्तुओं के साथ-साथ बीड़ी की तस्करी की जा रही है।
भारत-नेपाल सीमा पर पांगला से टनकपुर के खल्ला तक लगभग 84 किमी लंबी सीमा है। यहां सीमा से सटे इलाकों में 35 से अधिक नेपाली गांव बसे हैं।
इनमें नौ हजार से अधिक की आबादी है। इन गांवों के लोग खाद्यान्न के साथ अन्य घरेलू उपयोग की सामग्री के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर हैं।
कोरोना के कहर के चलते पिछले 100 से अधिक दिनों से भारत-नेपाल सीमा पर झूलापुलों के जरिये आवाजाही ठप है। हालांकि बीच में कई बार ये पुल निश्चित अवधि के लिए खोले जरूर गए लेकिन सीमा से सटे नेपाल के इन गांवों के लोग अपनी आवश्यकता के सामान की पर्याप्त खरीदारी नहीं कर पाए।
लॉकडाउन के बाद भारत में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है, इसके बाद भी नेपाल के भारतीय सीमा से लगे गांवों में नमक, तेल, दाल, मसालों आदि का संकट खड़ा हो गया है।
वहां इन वस्तुओं के दामों में 40 से 50 प्रतिशत तक की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। ऐसे में सीमा पर तस्कर सक्रिय हो गए हैं, जो चोरीछिपे काली नदी के रास्ते अवैध रूप से नेपाल सामान भेज रहे हैं।
चकमा दे जाते हैं तस्कर
पिथौरागढ़। भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तस्कर सुरक्षा एजेंसियों तक को गच्चा देकर तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। भारत में इस पूरी सीमा पर एसएसबी तैनात है। सीमा पर 10 से अधिक अस्थाई निगरानी पोस्ट हैं। इसके बावजूद तस्करी चरम पर है।
तेल रिफाइंड (1 लीटर) 180 रुपये 100 रुपये
चावल मोटा (1 किलो) 40 रुपये 22 रुपये
आटा (5 किलो बैग) 180 रुपये 150 रुपये
नमक (1 किलो) 25 रुपये 12 रुपये
(नोट- सामान की कीमत भारतीय रुपये में है)
नेपाल में भारत की इन सामग्रियों की है मांग: दाल, तेल, चावल, कपड़ा, चीनी और बीड़ी।
भारत से लगे नेपाली गांव: छांगरु, तिंकर, दुमलिंग, हूती, सुनसेरा, राबला, काठ, दार्चुला, खल्ला।
नेपाल से भारत में आ रहा है ये सामान: नेपाली ब्रांड शराब, खुकरी, सिगरेट, चाऊ चाऊ मैगी।
तस्कर इन रास्तों का कर रहे इस्तेमाल: पांगला, ग्सकु, घटयाबगड़, एलागाड, तपोवन, खोतीला, निगालपानी छारछुम, जौलजीबी, गीठिगड़ा, तालेस्वर, डोड़ा, कानडी, उमरागैर, बलतड़ी, तडीगांव, खल्ला।
सामान की अदलाबदली से हो रही तस्करी
पिथौरागढ़। कोरोना के कहर के बाद से सीमा पर तस्करी में लिप्त तत्व नकद लेनदेन की जगह वस्तु विनिमय का सहारा ले रहे हैं। भारतीय क्षेत्र से भेजे जा रहे सामान के बदले नेपाल से भारत में नेपाली ब्रांड की शराब, खुकरी सिगरेट, चाऊ चाऊ मैगी भेजी जा रही है। तस्करी में अदलाबदली से आये नेपाली ब्रांड के सामान को भारतीय बाजार में महंगे दामों पर बेचा जा रहा है।
दो माह में चार बार पकड़े जा चुके हैं तस्कर
झूलाघाट। नेपाल सीमा में काली नदी को पार कर नेपाल सामान भेजते समय वहां के सशस्त्र प्रहरी बल ने चार बार अवैध सामान पकड़ा है। पिछले दो माह में तस्करों पर कार्रवाई के बाद से नेपाल सशस्त्र प्रहरी बल ने भारत से सटे अपने क्षेत्र में पहरा बढ़ाया है। इस दौरान चार लोगों को महाकाली नदी से अवैध रूप से सामान ले जाते हुए गिरफ्तार किया जा चुका है।
नेपाल में लगातार बढ़ी महंगाई भी एक कारण
नेपाल में कोरोना के चलते अंतरराष्ट्रीय सीमा सील होने के कारण वहां जरूरी वस्तुओं की सप्लाई पर भी असर पड़ा है। इस कारण नेपाल में महंगाई भी चरम पर है। इस कारण भी सीमा पर तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है।