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देहरादून के बेटे ने ‘गिनीज रिकॉर्ड’ के लिए ठोका दावा

शौर्य की उम्र सिर्फ 10 साल है, लेकिन घूमती कलाई के साथ वह टेनिस के रैकेट पर बाल को इस तरह सम्मोहित कर रखते हैं कि वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की कतार में खड़े हो गए हैं। शौर्य ने टेनिस रैकेट के साथ...

देहरादून के बेटे ने ‘गिनीज रिकॉर्ड’ के लिए ठोका दावा
लाइव हिन्दुस्तान, देहरादून। संजय बिंजोला Wed, 24 Apr 2019 02:51 PM
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शौर्य की उम्र सिर्फ 10 साल है, लेकिन घूमती कलाई के साथ वह टेनिस के रैकेट पर बाल को इस तरह सम्मोहित कर रखते हैं कि वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की कतार में खड़े हो गए हैं। शौर्य ने टेनिस रैकेट के साथ 30 सेकेंड में 114 और एक मिनट में 216 वैकल्पिक हिट कर वर्ल्ड रिकार्ड को दावेदारी पेश की है। अभी तक 30 सेकेंड में 90 हिट्स का वर्ल्ड रिकॉर्ड तमिलनाडु के अश्विन श्रीधर के नाम पर है। जबकि एक मिनट में 150 हिट्स का वर्ल्ड रिकॉर्ड आस्ट्रेलिया के फिलिप कैंटवेल के नाम  है। इस रिकार्ड को तोड़ने के लिए शौर्य सिंह ने मंगलवार को इंदिरा नगर स्थित मोंड्रियन हाउस प्रीस्कूल में प्रयास किया। इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के मानकों के मुताबिक तीन निष्पक्ष निर्णायक के तौर पर पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी सुनील वाल्सन, आईएफएस डॉ. सरिता, आईसीएफआरई के सर्वानन अधिकारी शामिल हुए। जबकि शौर्य सिंह के रिकार्ड को गिनने के लिए उत्तराखंड खेल विभाग के टाइम कीपर अमित कुमार और शिखा बिष्ट मौजूद रहीं।  सुबह सवा नौ बजे तीनों निर्णायक और दोनों टाइम कीपर की मौजूदगी में ऑन कैमरा शौर्य सिंह ने पहले 30 सेकेंड वाले रिकार्ड को तोड़ा। उन्होंने 30 सेकेंड में 114 वैकल्पिक हिट किए। इसके बाद एक मिनट में 150 हिट का रिकार्ड तोड़ने के लिए शौर्य सिंह ने दोबारा टेनिस का रैकेट थामा और एक मिनट में 214 हिट किए। आधे घंटे बाद शौर्य ने दोबारा इसी रिकार्ड को स्कूल के बच्चों और मीडिया के सामने दोहराया। इस मौके पर डॉ. मीना सिंह, क्षितिजा सिंह, डायरेक्टर रात्रा, रतन सिंह असवाल आदि मौजूद रहे। 

 

 

पिता हैं शौर्य के कोच
पिता डॉ. विशाल आनंद खेल शिक्षक हैं। वह मजौन, पौंधा(सहसपुर) में रहते हैं। मां डा. मीना सिंह योग विशेषज्ञ हैं। शौर्य ने पिता की देखरेख में जहां टेनिस का रैकेट संभालना सीखा। 

 

ऐसे दर्ज होगा रिकॉर्ड
मंगलवार को हुई कवायद के बाद पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड को भेजी जाएगी। निष्पक्ष निर्णायकों की रिपोर्ट और टाइम कीपर का दर्ज ब्योरा भेजा जाएगा। इसके बाद गिनीज बुक शौर्य के इस रिकार्ड का सत्यापन करेंगे। करीब एक महीने  बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

 
 

 
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