केदारनाथ आपदा में स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान, बादल फटने के बाद यात्रियों की आफत में जान; PHOTOS
पैदल पुल बाने पर फोकस रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है। सेना सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच पैदल पुल बनाने के साथ ही सर्च ऑपरेशन में मदद करेगी।
केदारनाथ पैदल मार्ग, आसपास के जंगलों और नदी-नालों के तटवर्ती इलाकों में स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान शुरू हो गया है। एसडीआरएफ और सेना के जवानों ने सर्च अभियान चलाया। केदारनाथ पैदल मार्ग पर 31 जुलाई की रात को आई आपदा के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन की दहशत से कई यात्री और स्थानीय लोगों के जंगलों में भागने की आशंका जताई जा रही है।
इसी के मद्देनजर रविवार को सेना के विशेष दल ने पैदल मार्ग पर जंगली क्षेत्रों में दो स्निफर डॉग की मदद से रेकी की। रविवार को हेलीकॉप्टर की मदद से सेना के दो स्निफर डॉग और कुछ सैनिकों को लिंचोली में उतारा गया।
यहां अफसरों से निर्देश मिलते ही टीम सर्च अभियान में जुट गए। इसके अलावा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं पटरी पर लाने के लिए भी सेना ने मदद का हाथ बढ़ाया है। दूसरी तरफ केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से भीमबली की दिशा में एसडीआरएफ ने सर्च अभियान चलाया।
सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि लिंचोली और भीमबली क्षेत्र में भी सर्च अभियान चल रहा है। टीम डॉग स्क्वॉड के साथ सर्च अभियान में जुट गई है। राहत एवं बचाव कर्मचारी बढ़ाए केदारघाटी में सर्च ऑपरेशन के लिए सुरक्षा बलों और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम के सदस्यों की संख्या बढ़ाई गई है।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार, अब तक 882 लोग सर्च ऑपरेशन में काम कर रहे थे। रविवार को 278 बढ़ाए गए हैं। पैदल मार्ग पर भारी तबाही 31 जुलाई की रात भारी बारिश से केदारनाथ पैदल मार्ग में लिंचोली, भीमबली में तबाही हुई है।
रामबाड़ा में दो पैदल पुल बहे हैं। हाईवे पर भी काफी नुकसान हुआ है। सोनप्रयाग में हाईवे का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया था, जिससे गौरीकुंड-सोनप्रयाग के बीच आवाजाही बाधित है। पैदल मार्ग में फंसे यात्रियों को मुनकटिया के रास्ते सोनप्रयाग लाया जा रहा है।
पैदल पुल बाने पर फोकस रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है। सेना सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच पैदल पुल बनाने के साथ ही सर्च ऑपरेशन में मदद करेगी। प्राथमिकता के आधार पर पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वॉशआउट मार्ग पर वैकल्पिक इंतजाम शुरू किए गए हैं। डीएम सौरभ गहरवार, एसपी डॉ. विशाखा अशोक भदाणे भी रविवार को मौके पर पहुंचे।
व्यापारियों ने लगाया भंडारा केदारनाथ मार्ग पर फंसे तीर्थयात्रियों की मदद के लिए सोनप्रयाग व्यापार मंडल और टैक्सी यूनियन गुप्तकाशी के प्रयासों से सोनप्रयाग में भंडारा लगाया गया है। व्यापार मंडल अध्यक्ष अंकित गैरोला और टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने बताया कि स्थानीय लोग यात्रियों की हर संभव मदद कर रहे हैं। मुश्किल क्षण में यात्रियों की मदद करना हम सभी का पहला कर्तव्य है।
सेना ने ट्राली लगाकर घायल और दिव्यांग रेस्क्यू किए
केदारनाथ मार्ग पर फंसे यात्रियों का रेस्क्यू जारी है। रविवार को हेली रेस्क्यू के साथ ही अब सोनप्रयाग पर बुनियादी व्यवस्थाएं बहाल करने के लिए विशेष फोकस किया जा रहा है। सेना की 6 ग्रेनेडियर यूनिट के जवानों ने रास्तों को पुनर्स्थापित करने के लिए तेजी से कार्य शुरू कर दिया है।
सेना ने रविवार को सोनप्रयाग में सड़क के वॉश आउट हिस्से में ट्रॉली लगाकर गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग एवं दिव्यांगों को रेस्क्यू किया। ट्रॉली के सहारे चलने में असमर्थ लोगों के साथ ही कई अन्य लोगों को भी ट्रॉली के सहारे क्षतिग्रस्त हिस्सा पार कराया गया।
परिजनों से संपर्क नहीं हो रहा तो प्रशासन को बताएं
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनेाद कुमार सुमन ने कहा कि केदारघाटी में किसी व्यक्ति से उनके परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है तो वो पुलिस-प्रशासन को जानकारी दें। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसे सभी लोगों से संपर्क करने के निर्देश दिए हैं। कुछ स्तर पर यह बातें आई थी कि कुछ लोगों को अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों से संपर्क न होने की बातें आ रही थीं, पुलिस ने ऐसे सभी लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया है।
शनिवार तक अधिकांश लोगों से संपर्क हो चुका था। हो सकता है मोबाइल नेटवर्क खराब होने या मोबाइल स्विच ऑफ होने की वजह से कुछ लोगों से संपर्क न हो पा रहा हो। बहरहाल,आपदा प्रभावित क्षेत्र में सघन सर्च आपरेशन शुरू किया जा चुका है।
हेल्पलाइन नंबर
लैंडलाइन 01364-233737, 297878, 297879
मोबाइल 7579257572, 8958757335,7579104738