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छात्रवृत्ति घोटाला: कमीशन लेकर कॉलेजों के खातों में डाल दी रकम

करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब नया मामला सामने आया है कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने 55 प्रतिशत कमीशन लेने के बाद छात्रवृत्ति की राशि सीधे छात्रों के खातों...

छात्रवृत्ति घोटाला: कमीशन लेकर कॉलेजों के खातों में डाल दी रकम
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनWed, 22 May 2019 05:45 PM
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करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब नया मामला सामने आया है कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने 55 प्रतिशत कमीशन लेने के बाद छात्रवृत्ति की राशि सीधे छात्रों के खातों में न डालकर संस्थान के निजी खातों में डाल दी। 40 से 45 प्रतिशत पैसा निजी संस्थानों ने हड़प लिया। आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आ रही है।  प्रदेश के सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले में अधिकारियों और शिक्षण संस्थानों के पदाधिकारियों के गठजोड़ का खुलासा पहले ही हो चुका है। कुछ नेताओं के हस्तक्षेप का मामला भी सामने आया है। नेताओं ने सीधे तौर पर तो कोई काम नहीं किया है, लेकिन अपने चहेतों को छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये जरूर दिलवाए। अभी तो नेताओं के चहेतों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि नेताओं के हस्तक्षेप की बात जब एसआईटी ने पूछी तो आरोपियों ने अपने मुंह नहीं खोले।  हां आरोपियों ने इतना जरूर कहा कि उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाए, लेकिन आरोपियों ने अपने करीबी नेताओं के बारे में कुछ नहीं बोला। टीम ने यह भी जानने का प्रयास किया कि उनको छात्रवृत्ति कैसे मिल गई। आरोपियों ने साफ तौर पर हरिद्वार के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर का नाम लिया। कुछ आरोपियों ने तो अनुराग शंखधर को पहचानने से ही इनकार कर दिया।  पूर्व में गिरफ्तार हो चुके आरोपियों ने एसआईटी को बताया कि एक अन्य अधिकारी के बल पर उनको छात्रवृत्ति मिलती रही।

55 प्रतिशत कमीशन अफसरों का तय था
खास बात यह है कि छात्रवृत्ति की रकम निजी संस्थानों ने अकेले नहीं हड़पी है। एसआईटी सूत्रों के मुताबिक 55 प्रतिशत का कमीशन समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का इसमें तय था। छात्रवृत्ति की रकम आने के बाद 55 प्रतिशत के हिसाब से कैश पैसा अधिकारियों को दिया जाता था। रुड़की के तीन कॉलेज रुड़की इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंस, मदरहुड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट-टेक्नोलॉजी और महावीर इंस्टीट्यूट इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी को 15 करोड़ रुपये चार साल में दिए गए थे। यह पैसा सीधा निजी खाते में भेजा गया था। बताया जा रहा है कि इन पैसों में समाज कल्याण विभाग का 55 प्रतिशत कमीशन तय था। इस कमीशन की हिस्सेदारी में हरिद्वार के अलावा कई बड़े अधिकारी भी थे। 

दून के कॉलेज संचालकों की होगी गिरफ्तारी 
अनुराग शंखधर की गिरफ्तारी के बाद अब कई और अधिकारी एसआईटी की रडार पर आ गए हैं। इस मामले में पहले देहरादून के कॉलेज संचालकों की गिरफ्तारी की जाएगी। उसके बाद शंखधर के एक साथी अधिकारी की गिरफ्तारी होगी।  


 

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