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गंगा नदी की होगी ‘सेटेलाइट मैपिंग’। जानिए फायदे

केंद्र सरकार गंगा की सेटेलाइट मैपिंग कराएगी। इसके लिए सर्वे आफ इंडिया को जिम्मेदारी दी गई है। यह बात नमामि गंगे के डीजी राजीव रंजन मिश्रा ने सोमवार को शुक्लापुर स्थित हैस्को ग्राम में कही। उन्होंने...

गंगा नदी की होगी ‘सेटेलाइट मैपिंग’। जानिए फायदे
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनTue, 16 Apr 2019 12:23 PM
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केंद्र सरकार गंगा की सेटेलाइट मैपिंग कराएगी। इसके लिए सर्वे आफ इंडिया को जिम्मेदारी दी गई है। यह बात नमामि गंगे के डीजी राजीव रंजन मिश्रा ने सोमवार को शुक्लापुर स्थित हैस्को ग्राम में कही। उन्होंने बताया कि इस मैपिंग के आधार पर नमामि गंगे के तहत गंगा की सफाई और प्रवाह बढ़ाने का काम बेहतर ढंग से किया जा सकेगा।  मिश्रा पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए हैस्को द्वारा इस्तेमाल की जा रही तकनीकों की जानकारी लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनसहभागिता के बिना दुनिया का कोई सिस्टम या सरकार गंगा या किसी बड़ी नदी को साफ नहीं कर सकते। उन्होंने हैस्को की घराट, जल संरक्षण, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत समेत तमाम तकनीकों की जानकारी ली। इसके अलावा वहां गंगा किनारे बसे लोगों के लिए संचालित आजीविका कार्यक्रमों में हैस्कों की तकनीकों को भी जाना।  

उन्होंने कहा कि हैस्कों की तकनीकों के अध्ययन के बाद उनका नमामि गंगे प्रोजेक्ट में जरूरत के हिसाब से उपयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि गंगा की जैव विविधता संरक्षण के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के साथ प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके अलावा गंगा के किनारे बसे 4500 गांवों को मॉडल विलेज बनाने की भी योजना चल रही है। इस दौरान पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने उन्हें हैस्को की ओर से गंगा को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गंगा को एक ब्रांड बनाना होगा। इसके नाम पर गंगाजल, प्रसाद, खाना सहित तमाम उत्पाद दुनियाभर में बेचे जा सकेंगे। इससे गंगा से जुड़े लोगों की आजीविका बढ़ेगी। उन्होंने सलाह दी कि सरकारें लोगों की जरूरत व जीविका को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाएं। उन्होंने दो अक्तूबर को गांधी की गंगा दिवस और गंगा यात्रा निकालने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गंगा का संरक्षण और सफाई सिर्फ सरकारों का नहीं हम सबका काम है। इस दौरान नमामि गंगे के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डीपी मथुरिया, संजन चीमा, यू.सिंह, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ.एसए हुसैन, डॉ.रुचि बडोला, डॉ. नीलाद्रि आदि मौजूद रहे।

 

 

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