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हिन्दुस्तान चौपाल: ‘ स्वच्छता ’ होगा निकाय चुनाव में बड़ा मुद्दा, स्वच्छ और सुंदर दून सिर्फ ‘स्लोगन’ बनकर न रहे

मंगलवार को गांधी पार्क में आयोजित चौपाल में जुटे लोगों ने शहर के प्रमुख मुद्दे उठाए। स्वच्छता को लोग सबसे बड़ा मुद्दा मान रहे हैं। मोहन कुमार काला ने कहा कि 1997 में देहरादून में 25 वार्ड थे। तब एक...

हिन्दुस्तान चौपाल: ‘ स्वच्छता ’ होगा निकाय चुनाव में बड़ा मुद्दा, स्वच्छ और सुंदर दून सिर्फ ‘स्लोगन’ बनकर न रहे
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनTue, 30 Oct 2018 06:02 PM
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मंगलवार को गांधी पार्क में आयोजित चौपाल में जुटे लोगों ने शहर के प्रमुख मुद्दे उठाए। स्वच्छता को लोग सबसे बड़ा मुद्दा मान रहे हैं। मोहन कुमार काला ने कहा कि 1997 में देहरादून में 25 वार्ड थे। तब एक हजार नियमित सफाई कर्मचारी हुआ करते थे, लेकिन मौजूदा समय में सिर्फ 750 नियमित कर्मी है। वर्तमान जनसंख्या के हिसाब से यह संख्या दोगुनी होनी चाहिए। अब नगर निगम के वार्ड 60 से बढ़कर 100 हो गए हैं। सबसे पहले निगम को शहर की सफाई के लिए ठोस योजना बनानी होगी। स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी खुलकर चर्चा हुई। लोगों ने कहा कि सरकारी अस्पतालों की दशा लगातार बिगड़ रही है। गरीब लोगों को उपचार के लिए तड़पना पड़ता है। उनके साथ ठीक से व्यवहार तक नहीं किया जाता है। पूरे प्रदेश के लोग यहां उपचार के लिए आते हैं, लेकिन अभी तक जिला अस्पताल नहीं बन पाया। चौपाल में बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था, अतिक्रमण ध्वस्तीकरण, पार्किंग, पार्कों में अतिक्रमण, सड़कों की दुर्दशा के मुद्दे भी आए।

मनोज ध्यानी- देहरादून अपना पुराना स्वरूप खो चुका है। वाहनों के बढ़ते दबाव से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ गया है। दून के विकास के लिए प्रत्याशियों के पास ब्लू प्रिंट होना चाहिए। लिफ्ट और अंडर ग्राउंड पार्किंग बननी चाहिए।

जीवन सिंह- सरकार देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में काम रही है। सरकार जिस गति से काम कर रही है उससे जल्द ही देहरादून की तस्वीर बदल जाएगी। प्रत्याशी और आम लोगों को भी दून के विकास के सहयोग देना होगा।

लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल- चुनाव में गैरसैण राजधानी का मुद्दा भी रहेगा। उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है। यहां राजधानी लोगों की भावनाओं के अनुरूप पहाड़ में बननी चाहिए। राजधानी का मुद्दा भी प्रत्याशियों को अपने ऐजेंडे में शामिल करना चाहिए।

जयदीप सकलानी- शहर में जाम की समस्या बढ़ती जा रहा है। शहर के बाहर से जाने वाले ट्रैफिक लिए अगल सड़कें बननी चाहिए। आंतरिक सड़कों की दशा सुधारने की भी जरूरत है, तभी यह समस्या कुछ हद तक दूर हो पाएगी।

कमलेश रमन- अतिक्रमण हटाने को लेकर लोगों में सबसे ज्यादा रोष है। बस्तियों को बचाने के लिए अध्यादेश लाया गया, लेकिन तीन साल बाद बस्तियों का क्या होगा इस पर अभी संशय बना हुआ है। ग्रीन बेल्ट विकसित करने की कवायद भी ठंडे बस्ते में पड़ गई है। 

वैभव अग्रवाल- शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति ठीक नहीं है। वाहन सड़क किनारे खड़े रहते हैं। हर रोज जाम की समस्या बन जाती है। प्रत्याशियों को इस समस्या के समधान पर ध्यान देना होगा। 

अर्चित बंसल- गली-मोहल्लों की सड़कों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं। मूलभूत समस्याओं के निराकरण का वादा करने वाले प्रत्याशियों के पक्ष में ही वोट किया जाएगा।

प्रदीप कुकरेती- नगर निगम की खाली जमीन अतिक्रमण की जद में है। निगम इस जमीन का पार्किंग के रूप में उपयोग कर सकता है। ठेली लगाने के लिए भी जमीन दी जा सकती। इससे निगम की आय भी होगी।

मोहन कुमार काला- स्वच्छ और सुंदर दून सालों से सिर्फ स्लोगन बनकर रह गया है। इस दिशा में धरातल पर काम नहीं हो रहा है। शहर की सफाई के लिए हाईकोर्ट को आदेश करना पड़ता है। यह नगर निगम का नकारापन है। 

सुलेमान अली- बच्चों के मानसिक के साथ ही शारीरिक विकास भी जरूरी है, लेकिन शहर के पार्क अतिक्रमण की जद में है। बच्चे घरों में कैद होकर रह गए है। बच्चों के खेलने के लिए पार्कों का रखरखाव जरूरी है।

अनुराधा तिवाड़ी- एक तरफ बस्ती बसाई जाती है और दूसरी उजाड़ी जाती है। गरीब लोगों के साथ ऐसा अन्याय नहीं होना चाहिए। बस्ती के लोगों को सरकारी राशन भी नहीं मिल पा रहा है।

दानिश कुरैशी- मुद्दे सिर्फ चुनाव में ही नहीं उठने चाहिए। पूरे पांच साल ऐसे मुद्दे उठाए जाने चाहिए और प्रत्याशियों को समाधान के लिए निरंतर संघर्ष करना चाहिए। तभी शहर का विकास संभव है।

चौपाल के प्रमुख मुद्दे 

देहरादून में हो जिला अस्पताल 
चौपाल में स्वास्थ्य का मुद्दा प्रमुखता से उठा। लोगों का कहना था कि दून के सरकारी अस्पतालों के हालत ठीक नहीं है। गरीबों को इलाज नहीं मिल पाता है। सरकारी अस्पतालों की दशा सुधार कर जिला अस्पताल बनाने की जरूरत भी है।

ग्रीन बेल्ट हो विकसित 
देहरादून का शहर स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। शहर की हरियाली गायब हो गई है। ग्रीन बेल्ट विकसित करने की योजना पर काम करने की जरूरत है, तभी प्रदूषण की समस्या से निजात मिल पाएगी।

स्वच्छ दून के लिए बने योजना 
सफाई शहर का सबसे बड़ा मुद्दा है। अब वार्ड बढ़कर 100 हो गए हैं, लेकिन सफाई कर्मचारी बहुत कम है। सफाई के लिए ठोस योजना तैयार करने की जरूरत है।
अतिक्रमण करवाने पर हो कार्रवाई अतिक्रमण के नाम पर शहर में दशकों पुराने भवन और दुकानें ध्वस्त की गई। कई परिवार बेघर हो चुके हैं, लेकिन जिन लोगों ने अतिक्रमण करवाया है उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।

अंडर ग्राउंड पार्किंग बनाई जाए 
शहर की सड़कों पर यातयात का दबाव बढ़ता जा रहा है। पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है। अंडर ग्राउंड और लिफ्ट पार्किंग बनाने की जरूरत है, तभी जाम की समस्या की से छुटकारा मिल पाएगा।

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