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फैसला: केदारनाथ हाईवे पर 30 अप्रैल से कटिंग पर रोक

केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित हो चुकी है। करीब दो माह बाद चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। हाईवे के चौड़ीकरण के लिए कटिंग के चलते सड़क की हालत खराब है।  बारिश होने पर नेशनल हाईवे कीचड़ में...

फैसला: केदारनाथ हाईवे पर 30 अप्रैल से कटिंग पर रोक
लाइव हिन्दुस्तान टीम,रुद्रप्रयाग Wed, 06 Mar 2019 02:37 PM
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केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित हो चुकी है। करीब दो माह बाद चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। हाईवे के चौड़ीकरण के लिए कटिंग के चलते सड़क की हालत खराब है।  बारिश होने पर नेशनल हाईवे कीचड़ में तब्दील हो जाता है और धूप में वाहनों की रफ्तार के साथ धूल के गुबार उठते नजर आते हैं। अभी तक की स्थिति बता रही है कि यात्रियों को यातायात जाम और खराब सड़क के संकट से जूझना पड़ेगा। इस बीच चारधाम यात्रा को देखते हुए रुद्रप्रयाग से केदारनाथ को जोड़ने वाले हाईवे पर 30 अप्रैल से कटिंग का काम बंद करने का ऐलान कर दिया गया है। इससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है। लेकिन ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर कटिंग रोकने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है।

चारधाम परियोजना के तहत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने वाले सभी राजमार्गों को चौड़ा करके आल वेदर रोड में बदलने का काम तेजी से चल रहा है। निर्माण कार्य के कारण पिछले यात्रा सीजन पर भी असर पड़ा था। लेकिन तब के मुकाबले अब ज्यादा हिस्से पर पहाड़ काटने का काम चल रहा है। ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक ही करीब 15 जगहों पर कटान के काम पर मशीनें लगी हैं।  रुद्रप्रयाग से केदारनाथ की तरफ जाने वाले हाईवे पर भी छह जगहों पर कटिंग का काम हो रहा है। ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग तक कटान का काम कुछ इस तरह चल रहा है कि यात्रियों को ज्यादा देर तक रुकना नहीं पड़ता। इसकी तुलना में रुद्रप्रयाग से कुंड के बीच ट्रैफिक एक ही जगह पर ज्यादा देर तक रोकना पड़ रहा है।यात्रा शुरू होने तक रुद्रप्रयाग-कुंड के कुल करीब 33 किलोमीटर से 15 किलोमीटर हिस्से को हाईवे को डामर करने का भी लक्ष्य है। यह काम समय पर हो गया तो इस मार्ग पर दिक्कतें काफी कम हो जाएंगी।

 

डंपिंग जोन कायदे से नहीं बने
राजमार्गों के चौड़ीकरण के कार्य के तहत निकलने वाला मलबा नदियों में जाने से रोकने के निर्देश हैं। मलबा रोकने के लिए डंपिंग ग्राउंड बनाए जाने का प्रावधान है। लेकिन कई जगह इसका पालन नहीं हो रहा। मलबा सीधे गंगा अथवा दूसरी नदियों में जा रहा है। निर्माण कार्य में लगी कंपनियों ने कई जगह डंपिंग ग्राउंड बनाए भी हैं। कई जगह केवल बोर्ड भी लगा दिया गया है, मगर सारा मलबा नदी में जा रहा है।

 

चारधाम यात्रा के मद्देनजर 30 अप्रैल के बाद कटिंग का काम रोकने का फैसला ले लिया गया है। हालांकि समतलीकरण, पुश्ता निर्माण और मलबा हटाने जैसे काम जारी रहेंगे।
जेपी त्रिपाठी, अधिशाषी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रुद्रप्रयाग।


 

 

 

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